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केजरीवाल पुराने फॉर्म में, RSS प्रमुख भागवत से पूछे 5 सबाल, मोदी पर 75 साल का फार्मूला लागू होगा? आतिशी सीएम दफ्तर में दूसरी कुर्सी पर बैठी

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Kejriwal Speech After Jail
Kejriwal Speech After Jail

नई दिल्ली/ आप के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री रविवार को फिर से पुराने अंदाज में नजर आए, जंतर मंतर से उन्होंने आरएसएस के सरसंघ चालक मोहन भागवत से 5 सबाल किए जिसमे एक प्रश्न यह भी शामिल था कि क्या, आडवाणी और जोशी की तरह नरेंद्र मोदी पर भी 75 साल पूरे करने पर राजनीति से रिटायर होने का फार्मूला लागू होगा। चूकि 4 महिने बाद दिल्ली में विधानसभा चुनाव होना है लगता है केजरीवाल उसी की तैयारी में भाजपा खासकर नरेंद्र मोदी पर हमलावर हैं। इधर मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद आज सोमवार को जब आतिशी सिंह दफ्तर पहुंची तो उन्होंने केजरीवाल जिस कुर्सी पर बैठते थे उसे खाली रखा और दूसरी कुर्सी मंगवाई और उसपर बैठी

दिल्ली और आप की राजनीति में पिछले दिनों काफी बदलाव देखे गए, जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया। इसके बाद अब वह पूरी तरह से बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी पर राजनीतिक हमला करते दिखाई दे रहे है। जंतर मंतर पर आम लोगों के बीच उनके पहले भाषण से तो यह साफ तौर पर नजर आया। साफ लगता है केजरीवाल 4 महिने बाद होने वाले दिल्ली चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर पूरी तरह से जुट गए है।

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, मैं पूरे सम्मान के साथ (आरएसएस प्रमुख) मोहन भागवत जी से 5 प्रश्न पूछना चाहता हूं पहला, कि जिस तरह मोदी जी देशभर में लालच देकर या ईडी सीबीआई की धमकी देकर डराकर दूसरे दलों के नेताओं को तोड़ रहे है, पार्टियां तोड़ रहे है सरकारें गिरा रहे है क्या देश के लिए यह सही हैं क्या आप नही मानते कि भारतीय जनतंत्र के लिए यह खराब है। दूसरा प्रश्न,देश भर में सबसे भ्रष्टाचारी नेताओं को मोदी जी अपनी पार्टी में शामिल करवा लिया जिन नेताओं को कुछ दिन पहले खुद मोदी जी और अमित शाह जी देश का सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी बता रहे थे कुछ दिन बाद उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा लिया, बीजेपी पथभ्रष्ट होती जा रही है मैं मोहन भागवत जी से पूछना चाहता हूं कि क्या आप इससे सहमत हो, क्या आपने ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी। मेरा तीसरा प्रश्न है बीजेपी, आरएसएस की कोख से पैदा हुई कहा जाता है यह देखना आरएसएस की जिम्मेदारी है कि बीजेपी भ्रष्ट न हो, क्या आप मोदी जी के इन कदमों से संतुष्ट और सहमत हो, आपने क्या मोदी जी को गलत हरकत करने से रोका ? मेरा चौथा प्रश्न है, लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा जी ने कहा था कि बीजेपी को अब आरएसएस की ज़रूरत नही है, जबकि आरएसएस, बीजेपी की मां समान हैं क्या बेटा इतना बड़ा हो गया कि आज वह अपनी मां तुल्य संस्था को आंख दिखा रहा है मैं भागवत जी से पूछना चाहता हूं कि यह सुनकर आपको दुख नहीं हुआ कि जिस बेटे को आरएसएस ने प्रधानमंत्री बनाया आज उसे उसकी ज़रूरत ही नहीं, मैं आरएसएस के हर कार्यकर्ता से पूछना चाहता हूं कि नड्डा जी ने जब यह कहा तो उन्हें क्या दुख नहीं हुआ। अब मेरा पांचवां प्रश्न भागवत जी से है कि आप लोगों ने ही मिलकर कानून बनाया था कि 75 साल पूरे होने पर कोई भी व्यक्ति रिटायर होगा, इस कानून के तहत वरिष्ठतम नेता लालकृष्ण आडवाणी रिटायर किए गए मुरली मनोहर जोशी जैसे बड़े नेताओं को रिटायर कर दिया गया और तो और पीसी खंडूरी शांता कुमार जैसे न जाने कितने ही नेताओं को रिटायर कर दिया गया, लेकिन अब अमित शाह जी कह रहे है यह नियम मोदी जी पर लागू नहीं होता, तो मैं भागवत जी आपसे पूछना चाहता हूं यह नियम मोदी जी पर लागू होगा या नहीं।

पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जनता दरबार में यह भी कहा कि अब आपको सोचना है कि मुझे जेल भेजने वाले चोर है या केजरीवाल चोर है जिसने आपको मुफ्त पानी बिजली शिक्षा और स्वास्थ्य दिया,यदि मैं बेईमान होता तो बिजली अन्य सुविधाएं मुफ्त देता चोर भ्रष्टाचारी कहने से मुझे दुख होता है मैं मोटी चमड़ी का नेता नही हूं मुझको बेईमान कहा जाएं तो मुझे दुख होता है यदि ऐसा होता तो मेरी भी दस दस कोठिया होती मेरे पास न घर है न अन्य सुविधाएं है आगे मैं सीएम हाउस भी छोड़ दूंगा मेरे खिलाफ षडयंत्र रचा गया मुझे कुर्सी की भूख नहीं है, केजरीवाल ने कहा आप का चुनाव चिन्ह झाड़ू सिर्फ चुनाव चिन्ह नही बल्कि आस्था का प्रतीक है हमने साबित किया कि ईमानदारी से चुनाव लड़कर जीता भी जा सकता हैं। उन्होंने कहा यदि मैं ईमानदार लगू तभी मुझे वोट देना।

इधर केजरीवाल के सीएम पद से इस्तीफे के बाद आतिशी सिंह ने दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ ली उनके साथ 5 अन्य नेताओं गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत, मुकेश कुमार अहलावत और इमरान हुसैन ने भी मंत्री पद की शपथ ली। जबकि आज जब आतिशी सिंह मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार अपने कार्यालय पहुंची तो उन्होंने उस कुर्सी को खाली रखा जिसपर केजरीवाल बैठते थे और दूसरी कुर्सी मंगाकर वह उसपर आसीन हुई।

सोमवार (23 सितंबर) को दिल्ली की नई सीएम आतिशी सिंह सुबह 12 बजे सीएम ऑफिस पहुंची और ओपचारिकताएं पूर्ण कर पदभार ग्रहण किया, लेकिन उस दौरान आतिशी ने सीएम की कुर्सी खाली छोड़ दी और दूसरी कुर्सी मंगाकर उसपर बैठी। इस मौके पर उन्होंने कहा जिस तरह राम के वनवास जाने पर भरत ने खड़ाऊ रखकर अयोध्या का सिंहासन सम्हाला था उसी तरह मैं भी सीएम की कुर्सी सम्हालूंगी 4 महिने बाद दिल्ली के लोग केजरीवाल को फिर इसी कुर्सी पर बैठायेंगे तब तक कुर्सी इसी कमरे में केजरीवाल जी का इंतजार करेंगी।

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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