बैंगलुरू/ कर्नाटक में चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही हैं यह चुनाव बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के लिए अहम है कारण है इस चुनाव के नतीजे बीजेपी की 2024 की राह को प्रशस्त करेंगे तो कांग्रेस के लिए यह आगे की उसकी देश में स्वीकार्यता का धोतक बन सकता है इसलिए दोनों ही दलों ने इस बार कर्नाटक चुनावों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
वर्तमान स्थिति पर एक नजर …
कर्नाटक में राष्ट्रीय पार्टियों के रूप में कांग्रेस बीजेपी अपने सामने है तो जेडीएस क्षेत्रीय दल के रूप में अपनी भूमिका निभाता आया है पिछले 2018 के चुनाव में बीजेपी 104 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी लेकिन कुमारस्वामी के नेतृत्व में कांग्रेस (78 सीट) और जेडीएस ( 37 सीट) से मिलकर यहां सरकार बनाई लेकिन। 2019 में बीजेपी ने ऑपरेशन लोटस के जरिए कांग्रेस जेडीएस के विधायकों को तोड़कर ( 104 +20 ) अपनी सरकार बना ली थी और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई बने। खास बात थी कि 2018 के चुनाव कांग्रेस का मत प्रतिशत बीजेपी 36.5 से ज्यादा 38.14 का रहा था लेकिन सीट कम थी।
कांग्रेस ने बाजी मारी बीजेपी प्रत्याशी घोषणा में पिछड़ी …
जहां तक प्रत्याशियों के चयन का प्रश्न है कांग्रेस बीजेपी से कही आगे है उसने पहली सूची में 124 और दूसरी सूची में 42 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है इस तरह 224 में से उसने अभी तक 166 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए जिसमें 60 पूर्व विधायकों को भी टिकट दिया गया है। जबकि बीजेपी ने अभी तक प्रत्याशियों का चयन नही किया गुटबाजी के चलते प्रदेश नेतृत्व ने केंद्रीय हाईकमान को जो सूची भेजी है उसमे एक सीट पर तीन तीन नामों का पैनल भेजा हैं। संभवत आज कल में बीजेपी की पहली सूची घोषित होने का अनुमान हैं।
बीजेपी के खिलाफ फेक्टर …
कर्नाटक में बोम्मई सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप,एंटीइंकमबेंसी (सत्ता के खिलाफ माहौल) सीनियर नेता एस येदियुरप्पा को केंद्रीय नेतृत्व के साथ लेने से स्थानीय नेताओं में घमासान, कर्नाटक में चार धड़े बनने से आपसी खींचतान प्रमुख हैं। इसको लेकर बीजेपी स्थानीय बोम्मई सरकार की उपलब्धियों की बजाय केंद्र की योजनाओं और मोदी सरकार के विकास कार्यों का उल्लेख जनता के बीच कर रही है साथ ही स्थानीय नेताओं को भी खास बढ़ावा नही दे रही है। वह मुगल और शिवाजी के नाम पर ध्रुवीकरण का काम भी कर रही है।
बीजेपी के केंद्रीय नेताओं ने सम्हाला केंपियन …
बीजेपी जानती है कि कर्नाटक चुनाव जीतना उसके लिए कितना जरूरी है क्योंकि इसके बाद चार अन्य राज्यों और 2024 के लोकसभा चुनाव में इसकी जीत हार का असर रहने वाला है इसलिए उसने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृहमंत्री अमित शाह और अध्यक्ष जेपी नड्डा यहां लगातार आकर सभाएं और रोड शो कर रहे है इसके अलावा उसने 40 स्टार प्रचारकों जिसमे केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री शामिल है उन्हें क्षेत्र वायज जिम्मेदारी सौपी है और उनके लगातार दौरे हो रहे है। पीएम मोदी ने चुनाव की घोषणा से पहले तटीय कर्नाटक छोड़कर पूरे राज्य का दौरा किया और 40 हजार करोड़ की परियोजनाओं की नींव रखने के साथ उद्घाटन किया।
बीजेपी ने गुजरात की रणनीति अपनाई …
कर्नाटक में भाजपा गुजरात की रणनीति से आगे बड़ रही है उसने स्थानीय की जगह तमाम राज्यों के उन नेताओं को भी चुनावी अभियान में उतारा है जिन्हें चुनावों में काम करने का खासा अनुभव है बताया जाता है पार्टी 224 में से 115 सीटों पर फोकस कर रही है केंद्रीय और राज्य के मंत्री सांसदों और विधायकों सहित करीब 60 नेताओं को दो से तीन सीटों की जिम्मेदारी दी गई है जो कठिन सीटों या हारी गई सीटों पर जीत की राह बनाने को कहा गया है।
कांग्रेस की चुनौतियां, बिना चेहरे के उतरेगी मैदान में …
कांग्रेस में कर्नाटक में मुख्यमंत्री कोन बनेगा इसको लेकर नेताओं के बीच टकराव देखा जा रहा था प्रमुख रूप से दो चेहरे यहां सामने है जिसमें डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया शामिल है इन दोनो में चल रही रस्साकसी को काफी हद तक चुनाव में असर हो सकता था लेकिन कांग्रेस हाईकमान और खुद राहुल गांधी ने दोनों को साथ बैठालकर यह मनमुटाव दूर कर दिया है जिसमें पहले चुनाव पर ध्यान देने पर आपसी सहमति बना दी और कर्नाटक में बिना चेहरे के चुनाव लड़ने का फैसला लिया गया जिससे पार्टी में गुटबाजी खत्म हो और जीतने के बाद मुख्यमंत्री के चयन पर फैसला लेने की समझाइश देकर फिलहाल दोनों के बीच सुलह करा दी गई हैं। कर्नाटक में डीके शिवकुमार और नेता प्रतिपक्ष सिद्धा रमैया के अलावा एमबी पाटिल और कांग्रेस नेता परमेश्वरम भी सीएम की दौड़ में शामिल हैं।
कर्नाटक में कांग्रेस स्थानीय और केंद्रीय नेताओं के सहारे …
कर्नाटक में कांग्रेस के सामने चुनोती है कि वह छीनी गई सत्ता बीजेपी से वापस ले इसलिए वह अपने बलबूते मैदान में है भारत जोड़ों यात्रा से उसने यहां के लोगों से जहां गहरा रिश्ता बनाया तो उसके स्थानीय नेता और नेतृत्व भी एकजुट होकर खासी मेहनत कर रहा है उसके नेता डीके शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ कांग्रेस अध्यक्ष और कर्नाटक के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे राहुल गांधी प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कई वरिष्ठ नेता यहां रैली सभाएं करेंगे। जबकि प्रभारी रणदीप सुरजेवाला पहले से ही मैदान सम्हाले हुए है उन्होंने बताया अभी तक 10 विधायक बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।