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कानपुर पुलिस गेंगेस्टर विकास दुबे के गुर्गों को शरण देने वाले दो आरोपियों को ग्वालियर से गिरफ्तार कर ले गई…
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उज्जैन के साथ ग्वालियर कनेक्शन भी आया सामने…
ग्वालियर/ कानपुर – उत्तर प्रदेश के कानपुर के बिकरू गांव में 2 और 3 जुलाई की दर्मियानी रात सीओ सहित 8 पुलिस कर्मियों की हत्या कर फरार दो बदमाशों को ग्वालियर में शरण देने वाले दो लोगों को कानपुर पुलिस गिरफ्तार कर ले गई लेकिन इस मामले की भनक ग्वालियर पुलिस को नही लगी। इस तरह इस घटना और गेंगेस्टर विकास दुबे का उज्जैन के बाद ग्वालियर कनेक्शन भी सामने आया हैं।
कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या करने की वारदात में कानपुर पुलिस ने 60 संदिन्ध लोगों पर केस दर्ज किया था और 21 बदमाश नामजद किये थे।
पुलिस की हत्या में शामिल गेंगेस्टर विकास दुबे के दो गुर्गे शिवम दुबे और शशिकांत पांडे उस घटना के बाद ग्वालियर भाग आये थे जिन्हें ग्वालियर के भगतसिंह नगर गोले का मंदिर पर रहने वाले ओमप्रकाश पांडे औऱ ग्वालियर के सागरताल रोड पर रहने वाले अनिल पांडे ने पुलिस कर्मियों की हत्याकांड में शामिल इन दोनों आरोपियों को अपने घरों में शरण दी थी।
मालूम पड़ने पर गोपनीय तरीक़े से इन दोनों शरण दाताओं ओमप्रकाश पांडे और अनिल पांडे को कानपुर पुलिस ग्वालियर से गिरफ्तार कर ले गई।
खास बात हैं कानपुर पुलिस के ग्वालियर आने और दो लोगों को गिरफ्तार कर ले जाने की भनक ग्वालियर पुलिस को नही लगी जो उसकी एक बड़ी चूक कही जा सकती हैं।
इस मामले में आईजी राजाबाबू सिंह ने मीडिया से चर्चा में कहा कि बहोड़ापुर और ग्गोले का मंदिर थाना क्षेत्र से दो लोगों की गिरफ्तारी की जानकारी सामने आई है लेकिन विकास दुबे ग्वालियर रेंज में दाखिल नही हुआ वही शरणदाताओं के बारे में कानपुर पुलिस ने हमें कोई जानकारी नही दी।
जैसा कि कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी गेंगेस्टर विकास दुबे 9 जुलाई को उज्जैन में महाकाल के दर्शन करने के बाद उज्जैन पुलिस की गिरफ्त में आ जाता हैं और उसे यूपी पुलिस को सौप दिया जाता हैं और 10 जुलाई को उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस आरोपी विकास दुबे को फरार होने के दौरान एनकाउंटर कर मौत के घाट उतार दिया था।
इससे पहले कानपुर पुलिस ने 2 और 3 जुलाई की रात बिकरू गांव में बदमाशो से घिरने और अपने ऊपर ताबड़तोड़ गोली बारी के बावजूद बड़े साहस का परिचय दिया था और मोस्ट वांटेड विकास दुबे के गैंग के दो बदमाशों को धराशाई कर दिया था।
जिसमें इस गेंगेस्टर का भतीजा अतुल दुबे और मामा प्रेमप्रकाश पांडे शामिल था इसके अलावा बाद में इस वारदात में शामिल प्रभात मिश्रा और रणवीर शुक्ला मारे गये और 8 जुलाई को हमीरपुर में इस कुख्यात अपराधी विकास दुबे के खास गुर्गे और दाहिना हाथ अमर दुबे का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया। इस तरह विकास दुबे से पहले उसके 5 गुर्गे उत्तर प्रदेश पुलिस ने ढेर कर दिये थे।