ग्वालियर- अकसर लोग लडकियों को अभिशाप मानते हुए उन्हें लावारिस छोडकर गायब हो जाते है। लेकिन ग्वालियर में आधी रात को एक महिला अपनी कोख से हाल ही में जन्में नवजात बच्चे को जानवरों का निवाला बनने के लिए छोड गई। गनीमत यह रही कि आवारा जानवरों की पहुंच बच्चे तक नहीं हो सकी। ऐसे में एक राहगीर बच्चे के लिए फरिश्ता बनकर आया उसकी सजगता से अब बच्चा कमलाराजा अस्पताल में इलाजरत है। खास बात यह है कि बच्चे की नाल भी नहीं कटी थी। ग्वालियर में एक कलयुगी मां नें अपने नवजात को मरने के लियें कचरे के ढेर में फेंक दिया। मगर कहते है न कि मारनें वाले से बचाने वाला बड़ा होता है।
एक राहगीर किशन राठौर को बच्चें के रोने की आवाज सुनाई दी और पुलिस को खबर कर दी। जिसके बाद पुलिस नें एक महिला की मदद से बच्चे को अस्पताल भिजवाया। घटना जनकगंज इलाके के संजय नगर की है जहां से गुजरते हुए किशन ने कचरे के ढेर में बच्चे के रोने की आवाज सुनी तो वो चैक गया। पास जाकर देखा तो एक नवजात बच्चा वहां पडा हुआ था। खास बात यह है कि आस-पास काफी आवारा जानवर घूमते रहते है। लेकिन किसी जानवर की निगाह इस बच्चे पर नहीं पडी। जिससे वो बच गया। अब पुलिस ने अज्ञात महिला के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है।