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ग्वालियरमध्य प्रदेश

ग्वालियर के उटीला गांव में सियार का हमला,दो बच्चें बुरी तरह से घायल अस्पताल में भर्ती, एक सियार को ग्रामीणों ने घेरकर मार डाला, कहा पागल हो गया था, 2 सियार भागे

Jackle attacks
Jackle attacks

ग्वालियर/ ग्वालियर के उटीला गांव में एक सियार ने अचानक खेलते हुए बच्चों पर हमला कर दिया और दो बच्चों में से एक के गाल का मास नोच लिया तो दूसरी बच्ची के चेहरा और शरीर को काटकर उसने बुरी तरह से जख्मी कर दिया। गांववालों घेरकर सियार को डंडों से पीटकर मार डाला ग्रामीणों का कहना है कि यह सियार पागल हो गया था। अब जो दो सियार भाग गए क्या वह खूंखार रूप दिखा सकते है यह बड़ा सबाल है साफ है वन विभाग को जांचना होगा तो गांववालों को भी सावधान रहने की जरूरत है।

उटीला कस्बे के आदिवासी पूरा इलाके में शुक्रवार की रात सियार ने बाहर खेल रहे बच्चो पर अचानक हमला कर दिया सियार के हमले में देव बघेल पुत्र सोनू बघेल (5 साल) के एक गाल का मांस सियार ने नोच लिया और सुनयना पुत्री भावना (4 साल) के चेहरे और शरीर के कई अंगों को काटकर घायल कर दिया,उन्हें बचाने आई पूजा (26 साल) नामक महिला पर भी सियार ने हमला बोल दिया और वह अन्य महिलाओं के पीछे दौड़ा इस बीच गांव के एक कुत्ते ने उसे दबोच लिया,लेकिन वह उससे छूट कर भाग गया। जब इस घटना की खबर मिली तो उटीला थाना पुलिस मौके पर पहुंची थाना प्रभारी शिवम राजावत ने गंभीर रूप से घायल दोनों बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस के मुताबिक उन्होंने वन विभाग को भी इसकी खबर कर दी है।

जब यह बात गांव में फैली तो ग्राणीन इकट्ठा हो गए और उन्होंने सियार को खोजना शुरू किया और उन्होंने रात करीब 12.30 बजे गांव के पास ही सियारों को घेर लिया लेकिन एक सियार ने ग्रामीणों पर हमला करना चाहा तो ग्रामीण ने उसकी घेराबंदी की और लाठी डंडों से इस पर प्रहार किए जिससे उस सियार की मौत हो गई जबकि दो सियार भाग गए। गांव वालों का कहना है कि उटीला सहित आसपास के गांवों में यह सियार लगातार लोगों पर हमले कर रहा था लोग का काफी डरे हुए थे उनका कहना था कि यह सियार पागल हो गया था और इंसानों पर हमला करने लगा था इसलिए मजबूरन इसे मारना पड़ा।

Jackle attack on Children
Jackle attack on Children

जंगली पशु विशेषज्ञों के मुताबिक सियार जंगली जानवर होता है जो सुबह तड़के या शाम घिरने के साथ रात के वक्त ही अपनी गुफाओं से शिकार और खाने की तलाश में निकलता है यह एक जोड़े या तीन से चार के ग्रुप ने रहना पसंद करता है यह अधिकांश मांसाहारी होता है और भूखा होने पर और शाकाहार भोजन खाता है यह छोटे जानवर खरगोश हिरण गाय के बच्चे या किसी बड़े जानवर के मारे शिकार का मांस खाना पसन्द करते है इस दौरान वह गांव में भी घुस जाता है लेकिन सियार मानव को देखकर अधिकांश तौर पर छुप जाता हैं या भाग जाता है वह इंसान पर हमला नहीं करता। लेकिन यदि सियार आदमखोर हो जाता है तो वह बच्चो और बड़ो पर भी हमला कर सकता है जैसा कि उटीला में उसने बच्चों और महिलाओं पर प्राणधातक हमला किया तो ग्रामीणों की बात सही है यह सियार संभवत पागल हो चुका था या आदमखोर की श्रेणी में आ चुका था। जैसा कि ग्रामीणों ने बताया कि तीन सियार थे एक मारा गया बाकी दो भाग गए तो उनसे उन्हें सावधान रहने की जरूरत है क्यों कि हो सकता है वे सियार भी खूंखार हो चुके हो।

जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के गांव जमालपुर -मीरजापुर में आदमखोर सियारों के हमले में 25 लोग घायल हो चुके है जिसमें आधा दर्जन बच्चें बड़े कुछ महिलाएं भी शामिल है ग्रामीण रात को गांवों में लाठिया लेकर पहरा दे रहे थे। इससे पहले उन्होंने ग्रुप बनाकर गांव के बाहर आसपास के खेतों और सुनसान जंगली इलाकों में लाठियो से लैस होकर उनकी खोजबीन भी की और एक सियार को मार भी दिया,अब वन विभाग भी इन सियारों को खोजने के साथ पकड़ने की कोशिश कर रहा है।

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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