जबलपुर – हाईकोर्ट की स्थापना के 58 साल के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब कोई न्यायालय के जज को खुद न्याय पाने के लिये न्यायालय के सामने धरना देना पड़ा, एडीजे आर. के. में श्रीवास का 15 महिने में चार बार तबादला हो गया जिससे वे काफ़ी आहत हो गये और नाराज एडीजे इस अन्याय के खिलाफ़ मंगलवार को जबलपुर हाईकोर्ट के सामने धरने पर बैठ गये।
जबलपुर हाईकोर्ट में ओएसडी श्रीवास का कहना है कि उन्हें स्थानान्तरण नीति पर विश्वास नही क्यो कि वरिष्ठ अधिकारी चेहरा देखकर तिलक करते है, उन्होने कहा कि वे तीन दिन तक धरने पर है और यदि मांग नही मानी तो वे आमरण अनशन करने पर मजबूर होंगे।
बताया जाता है श्रीवास ने गत 29 जुलाई को हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस, रजिस्ट्रार, और चीफ़ जस्टिस आफ़ इन्डिया को पत्र लिखकर अपनी इस समस्या से अवगत करा दिया था, जिसमे उन्होने बताया कि पिछले 15 महिनो में उनका चौथी बार तबादला कर दिया गया जिससे वे मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रताणित हो रहे है, वही स्थान्तरण नीति के अनुसार जज अधिकतम तीन साल तक एक स्थान पर पदस्थ रह सकता है जबकि कई न्यायिक अधिकारी तीन साल से अधिक समय से उसी स्थान पर पदस्थ है, इस तरह मेरे साथ अन्याय किया जा रहा है।