ग्वालियर/ मध्यप्रदेश के ग्वालियर में इंजीनियर और डॉक्टर ने मिलकर एक मजदूर की जान बचाई है मजदूर के पेट और सीने में घुसे लोहे के सरिए निकालने का यह ऑपरेशन करीब ढाई घंटे तक चला। पहले इंजीनियर ने स्ट्रक्चर पर ही मजदूर के शरीर में घुसे सरिए इलेक्ट्रॉनिक कटर मशीन से बाहर से काटे उसके बाद मेडिकल टीम ने सर्जरी कर इसके शरीर से लोहे के सरिए बाहर निकाले।
मंगलवार को ग्वालियर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म 4 पर काम कर रहा एक मजदूर छत से नीचे गिर गया था और नीचे रखे 12 मिलीमीटर का दो लोहे के सरिए उसके पेट हाथ में घुस गए जबकि एक सरिया इसके सीने के आरपार हो गया, बताया जाता है घायल छोटू जाटव को घटना के बाद 12 बजे ठेकेदार और उसके साथी जयारोग्य अस्पताल (JAH) के ट्रामा सेंटर लेकर पहुंचे थे। उसके बाद मौजूद डॉक्टरों ने अस्पताल के वर्कशॉप प्रभारी अमर सिंह जाटव को कॉल कर बुलाया वे अपनी टीम को लेकर तुरंत ऑपरेशन थियेटर पहुंचे और उन्होंने स्ट्रक्चर पर ही गत्तों से घायल मजदूर के शरीर को पहले कवर किया उसके बाद बड़ी सावधानी से उसके शरीर के बाहर निकले सरियों को इलेक्ट्रिक कटर मशीन से बारी बारी काटा, इस बीच उनका एक कर्मचारी कटर मशीन पर पानी डालता रहा।
उसके उपरांत छोटू को ऑपरेशन थियेटर में अंदर लाया गया और जहां डॉक्टरों की टीम ने सर्जरी कर उसके शरीर से सरिए के टुकड़ों को बाहर निकाला और उसकी हालत स्थिर होने पर उसे ICU में शिफ्ट किया गया फिलहाल डॉक्टर उसपर बराबर नजर रखे हुए है।
बताया जाता है ग्वालियर के घासमंडी निवासी मजदूरी करने वाला छोटू जाटव (30 साल) मंगलवार को सुबह 8 बजे रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर काम पर पहुंचा था और वह छत पर पोल निर्माण करने के लिए चैन बेल्ट के सहारे छत पर लटक कर काम कर रहा था अचानक बेल्ट का लॉक खुल गया और छोटू सीधा नीचे रखे सरियों पर गिरा जिससे 3 सरिए उसके शरीर में घुस गए थे। इस घटना के बाद छोटू के परिजनों ने ठेकेदार पर लापरवाही का आरोप लगाया, उनका कहना है बिना किसी प्रशिक्षण और सुरक्षा के किसी मजदूर को ऐसे जोखिम वाले काम पर क्यों चढ़ाया गया। इधर सीएसपी अशोक सिंह जादौन का कहना है पुलिस ने मामला कायम कर लिया है और यह हादसा कैसे हुआ पुलिस उसकी तफ्तीश करेगी उसके बाद ही आगे की कार्यवाही होगी।
लेकिन ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल के डॉक्टर और इंजीनियर की जितनी तारीफ की जाए कम है उन्होंने अपने कौशल समझदारी और चिकित्सा से एक गरीब मजदूर की जान बचा ली।