नई दिल्ली — जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों पर केंद्र सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने हुर्रियत नेताओं को मिलने वाली फंडिंग के आरोप के बाद मामला दर्ज करने के बाद प्रिलिमिनरी इन्क्वारी के लिए एक टीम को कश्मीर भेज दिया है। एनआईए ने यह कदम हुर्रियत नेताओं को पाकिस्तान और आतंकी संगठनों की ओर से फंडिंग मिलने के आरोपों के बाद उठाया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक सैयद अली शाह गिलानी, नईम खान, फारुख अहमद डर, गाजी जावेद बाबा जैसे हुर्रियत नेताओं को लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान के कई आतंकी संगठनों और एजेंसियों से कश्मीर में हिंसक गतिविधी करने के लिए फंडिंग दी जाती है। जानकारी के मितबिक NIA ने ये कदम एक निजी न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन के बाद उठाया है । जिसमें हुर्रियत नेता नईम खान लश्कर से पैसा लेने की बात करते दिखाई दिए। चैनल ने 16 मई को यह स्टिंग किया था। नईम खान रिपोर्टर से यह कहते नजर आये थे कि पाकिस्तान से आने वाला पैसा करोड़ से ज्यादा है लेकिन हम और ज्यादा की उम्मीद करते है ।
एनआईए की टीम इस बात की जांच करेगी कि क्या अलगाववादी नेताओं को घाटी में पब्लिक प्रॉपर्टी को नष्ट करने के लिए, सेना पर पत्थरबाजी के लिए, स्कूल और अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों को क्षति पहुंचाने के लिए पाकिस्तान की ओर से फंडिंग दी जाती है या नही।
बता दें कि कश्मीर में पिछले कई दिनों से तनाव का महौल बरकरार है. हिजबुल के आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद से ही घाटी में हिंसक गतिविधियां तेज हो चुकी हैं. वहां आए दिन युवाओं की ओर से सेना पर पत्थरबाजी करने की खबरें सामने आ रही हैं, साथ ही आतंकी गतिविधियां भी बढ़ चुकी हैं।