सीहोर/ मंगलवार को 300 फीट गहरे बोरवेल में गिरी मासूम सृष्टि जिंदगी की जंग हार गई और 52 घंटे बाद उसे रोबोटिक टेक्निक से बाहर निकाला गया लेकिन बच्ची को बचाया नही जा सका और वह चल बसी।
6 जून को दोपहर करीब 1 बजे जिले के मुंगावली गांव में रहने वाले राहुल कुशवाह की 3 साल की मासूम बेटी सृष्टि खेलते खेलते घर के बगल के खेत में बने एक बोरवेल में गिर गई थी और 29 फुट पर जाकर फंस गई थी लेकिन रेस्क्यू के दौरान मिट्टी की खुदाई के कारण मशीनों के कम्पन से वह नीचे बोर में खिसक गई और 150 फीट पर जा पहुंची थी। रेस्क्यू टीम ने पहले उसे रस्सी में आंकड़ा डाल के ऊपर खींचने की कोशिश की गई लेकिन वह नाकाम रही।
आज सुबह दिल्ली से रोबोटिक टेक्निक टीम मुंगावली गांव पहुंची थी रेस्क्यू ऑपरेशन के प्रभारी महेश अहीर ने बताया रोबोटिक टेक्निक से उसे बाहर निकालने की कोशिश शुरू हुई दोपहर में आंधी बारिश और मौसम बिगड़ने से रेस्क्यू ऑपरेशन में कुछ परेशानी आई लेकिन शाम साढ़े पांच बजे टीम सृष्टि को बाहर निकाकने में कामयाब रही लेकिन वह कोई रिस्पॉन्स नही कर रही थी बेहोश थी मौके पर मोजूद डॉक्टरों की टीम उसे तुरंत एंबुलेंस से अस्पताल ले गई लेकिन जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
बताया जाता है आज सुबह 9 बजे दिल्ली से मुंगावली गांव पहुंची रोबोटिक टीम ने तुरंत ही अपना रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और रोबोट के डेटा के साथ सेना और एनडीआरएफ की टीम के सहयोग से रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर 150 फीट नीचे बोरवेल से मासूम बच्ची को बाहर निकाला था लेकिन दुर्भाग्य रहा कि वह उसे बचा नही सके और बाहर आने से पहले ही उसकी मौत हो गई जानकारों के मुताबिक जिस 150 की गहराई पर सृष्टि बोरवेल में फंसी थी उस जगह पानी भी भरा हुआ था।
मासूम बच्ची सृष्टि के इस तरह आंखो के सामने देखते देखते चले जाने से उसकी मां और दादी काफी व्यथित है उनका रो रोकर बुरा हाल है मां ने बताया जब मेने उसे देखा तो दौड़ती वहां पहुंची लेकिन मेरी बच्ची मेरी आंखों के सामने मुझे पुकारते हुए बोरवेल में चली गई वह रो रही थी मैने सबसे पहले सास को आवाज लगाई उसने बताया यह बोर हमारे पड़ोसी का है मेरे दो बेटियां है जिनमें सृष्टि बड़ी थी। जबकि दादी कलावती ने बताया खेलते खेलते वह बगल में पड़ोस के खेत में चली गई थी और बोर पर रखी तगाड़ी पर जाकर बैठ गई और अचानक वह बोर में समा गई मेरी आवाज पर मेरा बेटा और गांव वाले आ गए थे।