- वैलेंटाइन डे पे दिया था लड़की को फूल, कोर्ट में साबित हुआ निर्दोष,
- व्यापंम ने आरक्षक चयन प्रक्रिया से किया बाहर अब हाईकोर्ट से मिली राहत
ग्वालियर- हाई कोर्ट की ग्वालियर खंड पीठ ने 2016 -17 में आयोजित की गई आरक्षक भर्ती परीक्षा मामले में उस युवक को दोबारा भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के निर्देश दिए हैं।
जिसे एक आपराधिक मामले के चलते चयनकर्ताओ ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था। दरअसल अशोक नगर में रहने वाले भूपेंद्र यादव के खिलाफ 3 साल पहले एक नाबालिक लड़की को वैलेंटाइन डे के मौके पर फूल देने पर आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। यह मामला चुकि नाबालिक लड़की से जुड़ा था। इसलिए भूपेंद्र के खिलाफ पास्को एक्ट धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था और उसके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया। लेकिन कोर्ट में उसका अपराध साबित नहीं हो सका कोर्ट ने उसे निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया। आरक्षक का आवेदन करते समय भूपेंद्र में अपने खिलाफ दर्ज मामले के बारे में जानकारी दी थी।
जब उसका आरक्षक भर्ती परीक्षा में चयन हो गया और प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंची तो उसे पूर्व में दर्ज मुकदमे के कारण उसे चयन सूची से बाहर कर दिए गया। इस पर भूपेंद्र ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई हाई कोर्ट की एकल पीठ ने उसकी याचिका को निरस्त कर दी। फिर भूपेंद्र ने युगल पीठ में अपील दायर की युगल पीठ ने भूपेंद्र की याचिका को स्वीकार किया और उसे चयन प्रक्रिया में शामिल करने के निर्देश पीईबी को दिए। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की है कि सिर्फ एक अपराध के कारण जिसमें आरोपी निर्दोष साबित हुआ हैं। उसके कारण आवेदनकर्ता को भर्ती प्रक्रिया से बाहर नहीं किया जा सकता।