-
इंग्लैंड सहित विश्व में कोरोना से लड़ने में भारतीय आयुर्वेद पद्धति हुई सफल
ग्वालियर– कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए दुनिया के अलग-अलग देशों में किस तरह की दवाएं विकसित की जा रही है और मरीजों को कैसे उपचारित किया जा रहा है।
उसको लेकर ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया गया है दुनिया भर के अलग-अलग देशों में बैठे डॉक्टर और विशेषज्ञों और जीवाजी विश्वविद्यालय के टंडन हाल में मौजूद विषय विशेषज्ञ और आयुर्वेदाचार्यो ने सूचना तकनीकी और शोध का आदान प्रदान किया।
सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि इंग्लैंड में हर तीन में से एक मरीज का इलाज आयुर्वेदिक पद्धति से किया जा रहा है क्योंकि आयुर्वेद में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली गिलोय नीम हल्दी और अश्वगंधा के उपयोग पर सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।
शनिवार को आयोजित होने वाले सत्र में डॉ वेंकट जोशी इंग्लैंड से जुड़े थे जबकि अरूप दास आईसीएमआर जबलपुर डॉ साधना संवत्सर इंदौर शामिल हुए थे।