अहमदाबाद/ भारत वर्ल्ड कप जरूर हार गया लेकिन पूरे टूर्नामेंट में वह अविजित रहा न्यूजीलैंड जैसी दमदार टीम को उसने दो बार शिकस्त दी यहां तक की चैंपियन आस्ट्रेलिया को भी लीग मैच में 6 विकेट से पराजित किया था। इस एक हार से भारत को कमतर नहीं आंका जा सकता बोलिंग और बेटिंग दोनों ही में भारतीय टीम टॉप पर रही और कई कीर्तिमान उसने अपने नाम किए। हां यह बात जरूर है कि कुछ गलतियों के साथ फायनल का दिन उसका नही था।
17 नवंबर वह दिन था जिस दिन गुजरात के नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर भारत और आस्ट्रेलिया के बीच ओडीआई वर्ल्ड कप का फायनल मैच हुआ। पहले खेलते हुए भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने तेज शुरूआत दी शुभमन गिल जो पूरे टूर्नामेंट में अच्छा खेले इस मैच में दबाव में आ गए और अपना विकेट जल्दी गंवा बैठे, मिचेल स्टार्क की बॉल पर रोहित एक छक्का और एक चौका मारने के बाद फिर छक्का मारने आगे बड़े गेंद बल्ले पर सही नही आई और वह आउट हो गए ट्रेविस हेड ने शानदार कैच लिया। लेकिन भारत 10 ओवर में 80 रन बना चुका था विराट ने काफी कोशिश की लेकिन इस बीच फॉर्म में चल रहे श्रेयश अय्यर भी चलते बने अब तीन विकेट गिरने से पूरा दबाव कोहली और केएल राहुल पर आ गया, कोहली ने अर्धशतक लगाया जबकि राहुल ने समय के हिसाब से काफी धीमा खेल दिखाया और अर्ध शतक लगाया दोनों आउट हो गए। चूकि विकेट सख्त होने के साथ आस्ट्रेलिया के गेंदबाजों की गेंद टप्पा खाने के बाद धीमी गति से बल्ले पर आ रही थी जिससे सूर्यकुमार यादव भी अपना स्वाभाविक गेम नही खेल सके और भारत केवल 240 रन ही बना सका।
एक दूसरी इनिंग में पिच ने अपना रंग बदला दूसरा हल्की नमी भी आ गई इसलिए आस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को शुरू में कुछ परेशानी आई बाद में वह बल्लेबाजी के लिए मुफीद हो गई । जबकि शुरूआत में भारत ने उसके तीन प्रमुख बल्लेबाजों को 47 रन के मामूली स्कोर पर आउट भी कर दिया लेकिन उसके बाद पिच ने अपना पूरा स्वरूप बदल दिया और आसानी से रन बनने लगे ओपनर ट्रेविस हेड जो शुरू से सम्हलकर खेलकर अपना विकेट बचाएं रखे रहे वह भारत की जीत के बीच में दीवार बनकर खड़े हो गए उन्होंने बदले पिच के रुख बदलने के साथ तेजी से रन बनाए और शतक (137 रन) के साथ आस्ट्रेलिया को जीत के मुहाने पर लाकर छोड़ा सिर्फ 2 रन पहले वह आउट हुए उनका साथ नाबाद रहे मारनस लबुशेन ने बखूबी दिया। जबकि इस बीच भारतीय गेंदबाजों ने अपनी पूरी ताकत लगाई लेकिन एक तरह से ट्रैविस हेड ने जीत को भारत से दूर कर दिया।
वर्ल्ड कप 2023 में भारत सहित दस टीमें शामिल थी सभी एक दूसरे से भिड़ी, भारत ने लीग मैच में पाकिस्तान,अफगानिस्तान श्रीलंका दक्षिण अफ्रीका इंग्लैंड नीदरलैंड बंगलादेश न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया को भी 6 विकेट से हराया और न्यूजीलैंड जैसी दिग्गज टीम को लीग मैच और सेमी फायनल में दो बार पराजित किया। इस तरह सेमी फायनल सहित सभी 10 मैचों में भारत अपराजित रहते हुए पॉइंट टेबल पर टॉप पर रहा। लेकिन फायनल में भारतीय बल्लेबाजी के बीच लगा रोहित शर्मा आउट हो गए तो क्या है हमारे पास विराट कोहली है श्रेयश अय्यर है उनके जाने के बाद लगा केएल और सूर्यकुमार यादव जो अंत में अच्छा रोल निभाते है वह रन बना लेंगे लेकिन भारत 240 का स्कोर ही बना सका। लेकिन इस छोटे स्कोर के बाद लगा हमारे पास जसप्रीत बुमराह मोहम्मद शमी मोहम्मद सिराज जैसे तेज प्रभावी गेंदबाज है और उनके साथ के लिए फिरकी के जादूगर रविंद्र जडेजा और कुलदीप यादव भी है उनके सामने आस्ट्रेलिया के बल्लेबाज धराशाई हो जाएंगे ।लेकिन सभी आशाओं पर पानी फिर गया उस दिन भारत के सभी तीर मोथरे साबित हो गए। सही था कि फायनल का दिन शायद भारत का था ही नहीं, यही वजह रही न भारत के बल्लेबाज चले न ही उसकी मारक गैंदबाजी काम आई।
फायनल से पहले वर्ल्ड कप के मैचों में भारतीय बालेबाज और गैंदबाजों की तूती बोल रही थी एक नजर डाले तो विराट कोहली ने टूर्नामेंट में तीन शतकों के साथ सबसे अधिक 765 रन बनाएं साथ ही ओडीआई में 50 शतक बनाने के रिकार्ड के साथ सबसे अधिक शतक और सचिन तेंदुलकर (49 शतक) का रिकार्ड भी तोड़ा। साथ ही विराट कोहली ने सबसे अधिक 9 बार 50+ का स्कोर भी बनाया। जबकि कप्तान रोहित शर्मा ने 597 रन बनाएं बतौर कप्तान उन्होंने सबसे अधिक रन बनाए। श्रेयश अय्यर ने 530 रन बनाएं। भारत की तरफ से 7 शतक बने 3 विराट कोहली 2 श्रेयश अय्यर और एक एक शतक रोहित शर्मा और केएल राहुल ने बनाया। जबकि इस वर्ल्ड कप में कप्तान रोहित शर्मा ने सबसे अधिक 31 छक्के मारे। भारतीय बल्लेबाजी ने सबसे अधिक 25 अर्धशतक बनाएं और दूसरी सबसे ज्यादा बाउंड्री (370) लगाई। भारतीय टीम का बेटिंग औसत रन रेट सबसे अधिक 52.37 रहा और भारत ने मैच में सर्वाधिक कुल 3160 रन बनाएं। भारत को वर्ल्ड कप में दूसरी सबसे बड़ी जीत श्रीलंका के खिलाफ 302 रन से मिली।
जहां तक भारतीय गैंदबाजी का सबाल है वह भी आल्हा दर्जे की रही मोहम्मद शमी ने 6 मैचों में सबसे अधिक 24 विकेट लिए जिसमें तीन बार उन्होंने 5 विकेट और एक बार 4 विकेट भी हासिल किए। साथ ही सेमी फायनल में न्यूजीलेंड के खिलाफ 67 रन देकर 7 विकेट लेने का उनका विश्व कप का रिकार्ड भी शामिल है। इसी के साथ जसप्रीत बुमराह ने 20 विकेट, रविंद्र जडेजा ने 16 विकेट लिए और कुलदीप यादव ने 15 विकेट लिए।
एक बात जरूर सोचने की है कि जिस टीम की 10 मैच तक हर रणनीति सफल रही वह क्या फायनल मैच में उसे बरकरार रखने में फेल हो गई? इसपर भी विचार किया जा सकता है। जबकि आस्ट्रेलिया जो शुरू में लड़खड़ा रहा था उसने काफी सोच समझकर फायनल में भारत के खिलाफ एक सफल रणनीति बनाई। टॉस आस्ट्रेलिया के कप्तान पेट कमिंस ने जीता और उसने भारत को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। जबकि भारतीय कप्तान रोहित शर्मा टॉस जीतने पर पहले ही बल्लेबाजी करने का निर्णय ले चुके थे और टॉस जीतने के साथ उन्हें पहले बल्लेबाजी करने का मौका भी आस्ट्रेलिया के कप्तान ने दे दिया। तो सबाल उठता है कि क्या यह दांव उल्टा पड़ गया, क्योंकि आस्ट्रेलिया के कप्तान ने एक दिन पहले ही पिच से कवर हटाकर उसका अच्छी तरह मुआयना किया था और जांच परख के बाद ही पहले गेंदबाजी का निर्णय लिया होगा। क्योंकि खेल दोपहर में शुरु होना था और उस समय विकेट जो सख्त था और गेंद टप्पा ख़ाने के बाद धीमी गति से बल्ले पर आना थी जिससे बल्लेबाजी आसान नहीं होती और शाम के बाद रात को ओस गिरने से विकेट नम हो जाती और गैंदबाज कठिनाई महसूस करते है जबकि फॉग रहने से बल्लेबाजी आसान हो जाती है टॉस जीतकर आस्ट्रेलिया की यह हसरत एक तरह से पूरी हो गई। लेकिन यह भी अहम है मौसम की नजाकत को न समझते हुए भारत ने पहले ही बल्लेबाजी करने का क्यों सोच रखा था।