अयोध्या / अयोध्या में 22 जनवरी को गर्भ गृह में स्थापित होने वाली रामलला की 200 किलो बजन की विहंगम प्रतिमा आज मंदिर परिसर में पहुंच गई है। ज्यादा बजनी होने से इसकी जगह पूर्व निर्धारित आयोजन के मुताबिक रामलला की चांदी की छोटी मूर्ति को मंदिर परिसर में घुमाया गया।
22 जनवरी का दिन धार्मिक एवं आस्था के हिसाब से देश के लिए एक बड़ा दिन है 500 साल बाद अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। इसको लेकर देश में काफी उत्साह और उमंग का वातावरण देखा जा रहा हैं इसके लिए 16 जनवरी से अनुष्ठान शुरू हो चुके है इससे पहले ढाई बजे निर्मोही अखाड़े के महंत दिनेंद्र दास एवं पुजारी सुनील दास ने अयोध्या स्थित राममंदिर के गर्भगृह में पूजा अर्चना की तत्पश्चात महिलाओं ने भव्य कलश यात्रा निकाली।
अयोध्या के विवेक श्रृष्टि भवन से 200 केजी बजन की यह रामलला की मूर्ति आज मंदिर परिसर में ले जाई गई,प्रतिमा को पूरी तरह से ढककर एक ट्रक पर रखकर ले जाया गया, लता चोक होते हुए यह मूर्ति राम जन्मभूमि पथ से श्री रामजन्म भूमि परिसर पहुंची। इस दौरान सुरक्षा के लिए 200 का बल तैनात रहा। इससे पहले इस मार्ग को खाली करा लिया गया था लेकिन जब लोगों को मालूम पड़ा तो इस दृश्य को देखने सैकड़ों की संख्या में लोग मार्ग के दोनो तरफ इकट्ठा हो गए।
जैसा कि अरुण योगीराज ने रामलला की इस मूर्ति को गढ़ा है उनकी इस प्रतिमा को ट्रस्ट के 11 सदस्यों ने प्राण प्रतिष्ठा के लिए चुना हैं। आज मंदिर परिसर पहुंची इस रामलला की मूर्ति को कल गुरूवार को गर्भगृह में स्थापित किया जायेगा।
पूर्व निर्धारित आयोजन के मुताबिक रामलला की इस मूर्ति को मंदिर परिसर में भ्रमण कराना था लेकिन अधिक बजन होने से उसकी जगह 10 किलोग्राम की चांदी की प्रतिमा को रामलला का साक्षी मानकर पालकी में प्रतीकात्मक रूप से राम जन्मभूमि परिसर में घुमाया गया।