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एमबीबीएस से निलंबित छात्र की इंटर्नशिप की याचिका खारिज हाईकोर्ट ने गलत जानकारी देने पर 10 हजार की कोस्ट लगाई
ग्वालियर– हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एमबीबीएस से निलंबित हो चुके एक मेडिकल छात्र की याचिका खारिज करते हुए उस पर ₹10 हजार की कॉस्ट लगाई है। छात्र ने सही तथ्यों को छुपाते हुए कोर्ट में इंटर्नशिप के लिये याचिका दाखिल की थी।
दरअसल सुरेंद्र कुमार मौर्य गजरा राजा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया था लेकिन उसका नाम संदिग्ध छात्रों की सूची में था इसलिए उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला झांसी रोड थाने में दर्ज किया गया था वहीं मेडिकल कॉलेज के डीन ने उसके एडमिशन को भी निरस्त कर दिया था क्योंकि उसने एमबीबीएस में गलत तरीके से फर्जीवाड़ा करके एडमिशन लिया था।
इस दौरान वह एमबीबीएस कर चुका था एक बार पहले भी उसने डीन के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी जिसे खारिज कर दिया गया था इस बार उसमें फिर पुराने तथ्यों को छुपाते हुए याचिका को दायर किया लेकिन सीबीआई ने जब कोर्ट को बताया कि आरोपी छात्र सुरेंद्र मौर्य द्वारा इंटर्नशिप इसलिए नहीं की जा सकती ।
क्योंकि उसकी एमबीबीएस की जा चुकी है छात्र ने तथ्यों को छुपाया था और इंटर्नशिप के लिए आवेदन किया था कि उसे इंटर्नशिप की परमिशन दी जाए कोर्ट ने कहा कि तथ्यों को छुपाया है और कोर्ट का समय बर्बाद किया है इसलिए उस पर लगाई जाती है इस राशि को पीएम फंड में जमा किया जाएगा जो वायरस से संक्रमित लोगों की मदद में काम आ सकेगा।