ग्वालियर- हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ ने हत्या और हत्या की कोशिश जैसे संगीन मामले में आरोपियो की गिरफ्तारी नही करनें और न्यायालय को लगातार गुमराह करने का दो पुलिस अधिकारियों को दोषी ठहराया है। जबकि हाईकोर्ट ने देहात के एएसपी योगेश्वर शर्मा को क्लीन चिट दे दी है। न्यायालय नें डबरा एसडीओपी सुधीर सिंह और बिलौआ थाना प्रभारी संजय सिंह को कोर्ट की अवमानना का दोषी मानते हुए उन्हें नोटिस जारी किए है।
हाईकोर्ट ने अपने नोटिस में दोनो पुलिस अधिकारियों से पूछा है कि क्यों ना उन्हें अवमानना का दोषी होने पर सजा दी जाए। दरअसल ग्वालियर के डबरा इलाके में 4 जुलाई 2015 को सालिग राम की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने मामला दर्ज किया लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं की। अगले ही महिने हत्या के गवाह और सालिग राम के नाती कमलेश पर भी जानलेवा हमला किया गया। फिर 26 नवंबर 2015 को कमलेश के भाई रामलखन पर बिलौआ इलाके में जानलेवा हमला हुआ।
लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने 10 आरोपियों में से किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की। पुलिस ने केस डायरी गुम होने का हवाला देते हुए गिरफ्तारी नहीं होने की बात कही। न्यायमूर्ति जीएस अहलुवालिया ने अपने 47 पेज के फैसले में कहा है कि एसडीओपी और टीआई ने न्यायलय की अवमानना की है और अपनी गलत बयानी से मामले को उलझाया है। इसलिए दोनो ही अधिकारियों के खिलाफ हाईकोर्ट की प्रिंसिपल रजिस्ट्रार नोटिस जारी करें इसके जवाब के लिए पुलिस अधिकारियों को चार सप्ताह का समय दिया गया है।