शिमला / हिमाचल प्रदेश में भीषण बारिश और बाढ़ ने सबकुछ तहस नहस कर दिया है बादल फटने से आई बाढ़ और भूस्खलन से पिछले 72 घंटे में 55 लोगों की मौत हो चुकी है 30 से अधिक लोग लापता है जबकि 12 सौ सड़क मार्ग बंद है सैकड़ों पर्यटक फंस गए हैं। यही हाल उत्तराखंड का है यहां भी हालात काफी खराब है धार्मिक यात्राओं पर रोक लगा दी गई हैं। मौसम विभाग ने भारी बारिश के चलते 18 अगस्त तक एलर्ट जारी किया है।
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से आई बाढ़ और भूस्खलन से हालत बद से बदतर हो गए है अभी तक मंडी में 14 लोगों की शिमला में 12 सोलन में 10 सिरमोर में 4 कोंगड़ा और हमीरपुर में एक एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में 45 लोगों की मौत हो गई है। तीन दिन में कुल 55 की मौत बाढ़ और भूस्खलन से हो चुकी है सोलन मंडी में दो बार बादल फटने की आसमानी घटना हुई। जबकि इस सैलाब के दौरान कई पुल पुलिया बह गए साथ ही 600 साल प्राचीन महल ढह गया। प्रभावित क्षेत्रों के सभी स्कूल कॉलेज फिलहाल बंद कर दिए गए है। जबकि शिमला में कालका शिमला का रेल्वे ट्रेक पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है 500 फीट ऊपर एक हिल पर स्थित ट्रेक के नीचे से कई फीट जमीन की मिट्टी धसकने से रेल्वे ट्रेक अधपर लटक गया और रेल्वे आवागमन अनिश्चितकाल के लिए बंद हो गया हैं।
शिमला के समरहिल पहाड़ी पर स्थित एक शिव मंदिर सोमवार सुबह 7 बजे भूस्खलन की चपेट में आकर ढह गया सोमवार होने से वहां पूजा के लिए 30 से 35 लोग इकट्ठा थे उसके मलबे में दब गए तो काफी लोग मलवे के साथ नीचे गिरे जिसमें से 3 बच्चों सहित 15 शवों को निकाल लिया गया है अन्य की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अभी भी 20 लोग लापता है जिनके बचने की उम्मीद ना के बराबर है।
हिमाचल प्रदेश में डेढ़ महिने पहले जुलाई में भी भारी बारिश और भूस्खलन हुआ था जिसमें 199 लोगों की मौत हुई थी भू एवं जियोलॉजीकल विशेषज्ञों के मुताबिक इस बार हिमाचल में भू स्खलन की घटनाएं बड़ी है पिछले डेढ़ माह में करीब 90 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी है इसकी बड़ी वजह हिमाचल के पहाड़ों का यंग होना है अर्थात पहाड़ों की मिट्टी पर पकड़ मजबूत नहीं रही है जिससे वह भारी बारिश का दबाव सहन नहीं कर पाती साथ ही चट्टानों के बीच दरारें आ जाने से उसमें पानी भी रिस रहा है ऐसे में जमीन में जरा सी हलचल होने से यह टूटकर गिर रहे है हिमाचल में करीब 17 हजार भूस्खलन क्षेत्र चिंहित हुए हैं।
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और हालत की जानकारी लेने के साथ राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया इस मौके पर उन्होंने कहा पिछले 50 सालों में ऐसी त्रासदी नही हुई जिसके चलते स्वतंत्रता दिवस के सभी आयोजन निरस्त कर दिए गए है केवल ध्वजारोहण होगा सरकार के मुताबिक इस साल जान माल का भारी नुकसान हुआ है करीब 7170 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ हैं। साथ ही संभावित खतरे के मद्देनजर चार धाम यात्रा पर रोक लगा दी गई हैं।
जबकि उत्तराखंड भी तेज बारिश और बाढ़ का कहर जारी है अलकनंदा नदी उफान पर है ऋषिकेश में गंगा नदी का रौद्र रूप देखा जा रहा है हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है बारिश और बाढ़ से पहाड़ दरक रहे है चमोली में भूस्खलन से स्थिति खराब है जबकि रुद्र प्रयाग केदारनाथ ऋषिकेश हरिद्वार में भीषण बारिश होने से बाढ़ जैसी स्थिति देखी जा रही है और धार्मिक यात्राएं रोक दी गई है करीब 300 से ज्यादा पर्यटक एवं यात्री फंसे हुए है।