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ज्ञानेश कुमार और सुखवीर संधू बने देश के चुनाव आयुक्त, विपक्ष ने चयन प्रक्रिया पर उठाएं सबाल

Sukhwinder Sandhu and Gyanesh Kumar
Sukhwinder Sandhu and Gyanesh Kumar

नई दिल्ली/ आज पूर्व आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार और पूर्व आईएएस अधिकारी सुखवीर सिंह संधु को भारत के चुनाव आयोग के आयुक्त पद पर नियुक्ति दी गई है। इसको लेकर सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। दोनों ही अधिकारी 1988 बैच के आईएएस है जिनके पास 36 साल का प्रशासनिक अनुभव है जो देश के कई बड़े पदों पर रहे हैं।

पीएम आवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी की आज सुबह बैठक हुई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी तरफ से मनोनीत सदस्य गृहमंत्री अमित शाह और विपक्षी नेता अधीर रंजन चौधरी सदस्य के रूप में शामिल हुए। बैठक में 6 नामों पर विचार किया गया इसके बाद चुनाव आयुक्त के लिए दो पूर्व आईएएस अधिकारियों ज्ञानेश कुमार और सुखवीर संधु का चयन चुनाव आयुक्त के पद के लिए किया गया।

लेकिन इस दौरान विपक्षी नेता अधीर रंजन चौधरी बैठक से बाहर आ गए और उन्होंने मिडिया से चर्चा में कहा कि बीती रात 212 नाम थे जब मैने आज बैठक से पूर्व नाम मांगे तो मुझे केवल 6 नाम दे दिये गए जिसमें ज्ञानेश कुमार सुखबीर सिंह संधु उत्पल कुमार सिंह प्रदीप त्रिपाठी इंदीवर पांडे गंगाराम राहत के नाम शामिल थे उन्होंने कहा कि मैने बैठक में कहा कि इनकी ईमानदारी और तजुर्बे का जायजा इतनी जल्दी लेना मेरे लिए असंभव है उन्होंने कहा चयन प्रक्रिया से मैं बिल्कुल संतुष्ट नहीं हूं क्योंकि इससे साफ है सरकार हो चाहेगी वह ही होगा।

चुने गए चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार केरल केडर के 1988 बैच के आईएएस है जो जनवरी 2024 रिटायर्ड हुए थे इससे पहले उन्हें 36 साल का कार्य करने का प्रशासनिक अनुभव है आप सहकारिता मंत्रालय के पूर्व सचिव रहे और गृह मंत्रालय में अतरिक्त सचिव रहे और देश में गृह मंत्रालय की कार्य प्रणाली लागू करने में अपना योगदान दिया। विशेष अयोध्या डेस्क में रहने के साथ आपने राममंदिर ट्रस्ट के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन किया। इसके अलावा जम्मू कश्मीर डेस्क के इंचार्ज रहे और अनुच्छेद 370 हटाने में भी आपका योगदान रहा।

दूसरे चुनाव आयुक्त सुखवीर सिंह संधू उत्तराखंड केडर के 1988 बैंच के आईएएस अफसर है 31 जनवरी 2024 में आप सेवा निवृत्त हुए और आपको 36 साल के प्रशासनिक कार्य का अनुभव है। आप NHIA के पूर्व अध्यक्ष रहे उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर केंद्र ने उन्हें उत्तराखंड भेजा और संधू राज्य के मुख्य सचिव बने। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इनके कार्य कर काफी सराहना की थी और इन्हे बेस्ट एवर कहा था।

चुनाव आयुक्त अरुण कुमार ने 8 मार्च को एकाएक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था जिसे आनन फानन 9 मार्च को राष्ट्रपति ने स्वीकार भी कर लिया। बताया जाता है मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और आयुक्त अरुण गोयल में किन्ही विषयों पर मतभेद पैदा हो गए थे और पश्चिम बंगाल के दौरे के दौरान दोनों के बीच काफी गहमा गहमी भी हुई थी और 6 मार्च को बंगाल से लौटने के बाद अरुण कुमार ने 8 मार्च को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन उनके अचानक लिए इस फैसले पर सबाल उठना लाजमी है कि इनपर किस तरह का दबाव था ? उनके इस्तीफे को लेकर सरकार और विपक्ष में आरोप प्रत्यारोपों का दौर भी खूब चला।

चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त के अलावा दो पद चुनाव आयुक्त के होते है चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे फरवरी 2024 में सेवा निवृत्त हो गए थे और अरुण गोयल के इस्तीफा देने से सीईसी राजीव कुमार रह गए थे। जैसा कि जल्द ही देश में आम चुनाव होने है समझा जाता है अरुण कुमार के इस्तीफा देने से ईसीआई के संचालन के लिए खाली जगह को भरने की कवायद शुरू हुई और आज चुनाव आयुक्त के संवैधानिक पद के लिए ज्ञानेश कुमार और सुखवीर सिंह संधू का चयन किया गया।

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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