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ग्वालियरमध्य प्रदेश

कंप्यूटर डिप्लोमा के नाम पर शिक्षा का व्यवसायीकरण नहीं, भोज विश्वविद्यालय अनुबंध पर दूसरे सस्थानों को नहीं दे सकता डिप्लोमा की अनुमति

Gwalior Court
Gwalior Court
  • कंप्यूटर डिप्लोमा के नाम पर शिक्षा का व्यवसायीकरण नहीं,
  • भोज विश्वविद्यालय अनुबंध पर दूसरे सस्थानों को नहीं दे सकता डिप्लोमा की अनुमति

ग्वालियर- मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ग्वालियर बेंच ने कंप्यूटर डिप्लोमा के नाम पर शिक्षा के व्यवसायीकरण को रोकने के लिए निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने कहा है कि कंप्यूटर डिप्लोमा यानी बीसीए, डीसीए और पीजीडीसीए जैसे कोर्स को लेकर चलाई जा रही शिक्षा की दुकानें बंद होना चाहिए। क्योंकि इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर असर पड़ता है।

हाईकोर्ट की ग्वालियर खंण्डपीठ ने कम्प्यूटर डिप्लोमा के नाम पर शिक्षा के व्यवसायीकरण को गंभीरता से लिया है। हाईकोर्ट ने भोज विश्वविद्यालय द्वारा एमपीकोन को दिये गए अनुबंध को गलत ठहराते हुए पूरी प्रक्रिया को याचिका के निराकरण तक रोकने के निर्देश दिये है। दरअसल याचिकाकर्ता मोहन बंसल ने भोज विश्वविधालय की डिप्लोमा प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा था कि कंप्यूटर डिप्लोमा के नाम पर शिक्षा का व्यवसायीकरण किया जा रहा है।

एमपीकोन भी दूसरे शिक्षण संस्थानों को ठेका पद्धति से डिप्लोमा करा रहा है। इससे शिक्षा का स्तर भी गिर रहा हैं। लोग बिना संस्थान जाए डीसीए, पीजीडीसीए का डिप्लोमा ले रहे हैं। हाईकोर्ट ने कहा है कि कंप्यूटर डिप्लोमा के नाम पर दूसरे सस्थान कोर्स नहीं करा सकते केवल भोज विश्वविद्यालय ही इस तरह के कंप्यूटर कोर्स करा सकता हैं।

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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