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ग्वालियरमध्य प्रदेश

गुना से घूमने के लिये भागे नाबालिग बच्चे ग्वालियर में जीआरपी ने पकड़े, पुलिस ने मॉल में घुमाया

Police Catch children
Police Catch children
  • गुना से घूमने के लिये भागे नाबालिग बच्चे ग्वालियर में जीआरपी ने पकड़े पुलिस ने मॉल में घुमाया,

  • दादी के बटुए से एकं लाख रुपये निकाल कर भागे थे बच्चें, रुपये बरामद

ग्वालियर/ गुना से भाग कर ग्वालियर घूमने आये चार नाबालिग बच्चों को जीआरपी थाना पुलिस ने रेल्वे स्टेशन पर बरामद कर लिया है खास बात है पुलिस ने दरियादिली दिखाते हुए इन चारों बच्चों को ग्वालियर के डीबी मॉल में भी घुमाया जिससे बच्चें काफी खुश नजर आये।

पुलिस को इनके पास से 98 हजार रुपये भी मिले है थाना प्रभारी का कहना है वे काफी संतुष्ट है कि चारों बच्चें सकुशल मिल गये, जिन्हें इनके परिजनों को सौप दिया जायेगा।

गुना शहर के रहने वाले दो भाइयों के यह चारो बच्चें है गुना से यह किसी को बिना बताये दादी के बैग से एक लाख की बड़ी रकम लेकर ग्वालियर घूमने ट्रेन से आ गये गुना थाना प्रभारी ने इसकीं सूचना ग्वालियर जीआरपी पुलिस को तुरंत दे दी थी जिसपर जीआरपी ने ग्वालियर रेल्वे स्टेशन पर पुलिस बल तैनात किया जब पुलिस इनकी तलाश कर रही थी

तभी एक बच्चा उन्हें दिखा फोटो से कन्फर्म कर पुलिस ने चारों बच्चों को खोज लिया 8 से 14 साल के इन बच्चों में आयुष, लड्डा और दो लड़कियां अमीषा और जान्हवी शामिल हैं। जीआरपी के टीआई अजीतसिंह चौहान के मुताबिक इनके पिता का गुना में  क्रेशर चलता है। इनसे पुलिस ने 98 हजार रुपये भी बरामद कर लिए है। पुलिस का कहना है इनके पिता ने इनके मिलने पर एक लाख का इनाम घोषित किया है लेकिन हम संतुष्ट हैं कि पुलिस ने इन्हें सकुशल प्राप्त कर लिया।

जैसा कि यह बच्चे ग्वालियर और यहां का मॉल घूमने की गर्ज से गुना अपने घर से भागे थे ऐसा उन्होंने पुलिस को बताया तो पुलिस भी कब पीछे रहने वाली थी उसने इन मासूम बच्चों की मॉल घूमने की ख्वाइश भी पूरी की और सभी को पुलिस बल की सुरक्षा में ग्वालियर के डीबी मॉल घूमने भेज दिया जहां इन बच्चों ने खूब मस्ती की, पुलिस ने बताया कि बच्चों के मिलने की खबर गुना पुलिस और बच्चों के परिजनों को बता दी गई है उनके आने पर वह बच्चों को उन्हें सौप देगी।

आम तौर पर लोग पुलिस प्रशासन को कड़े दिल का और असंवेदनशील समझते है ।लेकिन ऐसा है नही ग्वालियर की जीआरपी पुलिस की दरियादिली और बच्चों की इच्छा के मुताबिक उन्हें डांटने की बजाय डीबी मॉल घुमाने से यह स्वतः ही स्पष्ट होती है। वही घेराबंदी कर बच्चों को तुरंत ही बरामद कर उसने अपने कर्तव्यपरायणता का भी परिचय दिया जो अनुकरणीय है, खुदा ना खास्ता यदि ये बच्चे किसी गलत हाथ मे पड़ जाते तो कुछ भी हो सकता था।

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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