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ग्वालियरमध्य प्रदेश

पतंजलि को क्लिनिकल ट्रायल के आदेश देना कोरोना पीड़ितों की जान से खिलवाड़ तत्काल वापस ले सरकार

  • पतंजलि को क्लिनिकल ट्रायल के आदेश देना कोरोना पीड़ितों की जान से खिलवाड़ तत्काल वापस ले सरकार

  • कांग्रेस विधायक ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

ग्वालियर – मध्यप्रदेश के ग्वालियर दक्षिण के विधायक प्रवीण पाठक ने आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कहा है कि बाबा रामदेव के पतंजलि ग्रुप को मध्यप्रदेश में कोरोना पीड़ितों पर कुछ दवाओं के क्लिनिकल ट्रायल के जो आदेश दिए गए हैं वह तत्काल प्रभाव से वापस लिए जाएं। क्योंकि इससे कोरोना पीड़ितो की जान पर बन आ सकती हैं।

विधायक श्री पाठक ने मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में कहा है कि मेरे संज्ञान में एक राष्ट्रीय समाचार पत्र के माध्यम से एक गंभीर एवं महत्वपूर्ण विषय आया है कि आप एवं आपका प्रशासन कोविड-19 के पीड़ित मरीजों पर कुछ दवाओं के क्लिनिकल ट्रायल के लिए बाबा रामदेव के पतंजलि संस्थान को अनुमति दे चुके हैं ।

विधायक श्री पाठक ने पत्र में कहा है कि मेरे लिए आश्चर्य का विषय है कि संपूर्ण भारत में मरीजों की संख्या दिन-रात दोगुनी हो रही है, मौतों का आंकड़ा बढ़ने लगा है । भारत में सवा लाख से ज्यादा मरीज इस बीमारी के शिकार हो चुके हैं और साढे़ तीन हजार के करीब जानें चली गई हैं, उस समय आप यह आश्चर्यजनक और हास्यास्पद निर्णय कैसे ले सकते हैं ?

इंदौर, जो कि मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा हाट स्पॉट हैं जहां सबसे ज्यादा कोरोना संक्रिमित है, वहां के डीएम द्वारा पतंजलि समूह को कोविड-19 मरीजों के इम्युनिटी बूस्टर हेतु दवाओं का क्लिनिकल ट्रायल करने की अनुमति देना मुझे एक असंवेदनशील और मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ नजर आता है ।

किसी भी तरह से मरीजों पर किसी भी यूनानी,आयुर्वेदिक, एलोपैथिक, और होम्योपैथिक दवा का बिना प्रमाणन उपयोग जानलेवा है ।

विधायक श्री पाठक ने पत्र में आगे कहा है कि औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम के मानकों में किसी भी दवा या वैक्सीन का प्रमाणीकरण अत्यंत आवश्यक है और भारत में इसके लिए, वायरस की वैक्सीन और प्रमाणित दवा या बूस्टर के लिए भारत के ड्रग्स महानियंत्रक (DCGI) किसी भी क्लिनिकल रिसर्च की मंजूरी के लिए अधिकृत हैं । डीसीजीआई की मंजूरी के बिना किसी भी प्रकार का क्लिनिकल ट्रायल भारत में नहीं किया जा सकता है।

मेरी समझ के अनुसार आमतौर पर भारत में मंजूरी के लिए 3 महीने लगते हैं जब इस बीमारी का कहर ही भारत में 3 माह के भीतर शुरू हुआ है तो बाबा रामदेव के पतंजलि ने यह कैसा इलाज ईजाद कर लिया और इसकी प्रामाणिकता क्या है ?

श्री पाठक ने पत्र में मुख्यमंत्री श्री चौहान से कहा है कि मेरा आपसे अनुरोध है कि पहले ही प्रदेश की जनता आपके सत्ता लोलुप रवैये के चलते कोरोना संकट से जूझ रही है किंतु अब आप बाबा रामदेव से व्यक्तिगत संबंधों के चलते कोविड-19 से पीड़ित मरीजों की जान से खिलवाड़ मत कीजिए।

विधायक श्री पाठक ने पत्र में आगे लिखा है कि प्रदेश के चिकित्सकों द्वारा अपनी योग्यता, मेहनत और लगन के साथ मरीजों का इलाज किया जा रहा है उन्हें हतोत्साहित करते हुए कृपया ऐसे वैज्ञानिक निर्णय से प्रदेश को खतरे में मत डालिए ।

और बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि को मरीजों के उपचार हेतु दिए आदेश को त्वरित प्रभाव से वापस लीजिए अन्यथा हमें कानूनी प्रावधानों का सहारा लेने बाध्य होना पड़ेगा।

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