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वैश्विक आम राय के साथ G 20 समिट का समापन,मजबूत संतुलित समावर्ती विकास का संकल्प,दिल्ली घोषणा पत्र पर लगी मुहर

G20 Members at Rajghat
G20 Members at Rajghat

नई दिल्ली / भारत की अध्यक्षता में होने वाली दो दिवसीय G 20 समिट के दो दिवसीय कार्यक्रम समापन हो गया कई मायनों में उपलब्धियों से भरे इस वैश्विक सम्मेलन का मूल मंत्र एक धरती एक परिवार और एक भविष्य के साथ साथ मजबूत टिकाऊ संतुलित और समावर्ती विकास का रहा। अगले G 20 सम्मेलन की अध्यक्षता का दायित्व ब्राजील के राष्ट्रपति को पीएम नरेंद्र मोदी ने इस समिट का हैमर देकर सौंपा।

भारत की राजधानी दिल्ली में होने वाले इस G 20 के शिखर सम्मेलन में 19 देशों के राष्ट्राध्यक्ष सहित विश्व के करीब 10 मेहमान देशों और यूरोपियन यूनियन के सदस्य इसमें शामिल हुए इस दौरान अफ्रीकन यूनियन को G 20 का सदस्य भी बनाया गया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाले इस G 20 सम्मेलन का भारत शानदार मेजबान रहा। साथ ही अमेरिका ब्रिटेन सहित अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने भारत के निष्पक्ष नेतृत्व की सराहना की साथ ही इस समिट में सभी देशों की बाजिव चिंताओं को भी प्रमुख रूप से जगह मिली और इस तरह वैश्विक आमराय के साथ G 20 समिट बिना किसी व्यवधान के सफलता के साथ संपन्न हो गई।

जहां तक उपलब्धियों की बात करें तो पहले दिन भारत के दृष्टिकोण से सबसे बड़ी उपलब्धि और कामयाबी दिल्ली घोषणा पत्र पर सभी देशों की सहमति बनी इस ज्वाइन स्टेटमेंट पर बनी स्वीकृति का ऐलान दूसरे सत्र में खुद पीएम श्री मोदी ने किया। इसके अलावा रूस यूक्रेन के युद्ध का मुद्दा हावी नहीं रहा।

इस समिट में ईधन पर्यावरण व्यवसाय प्रमुख मुद्दा रहा जिसके तहत एक और फ्यूल ब्लेंडिंग डवलप करने पर काम करने पर सहमति बनी इथोनॉल ब्लेंडिंग को ग्लोबल स्तर पर 20 प्रतिशत पर ले जाने पर पहल करने की बात हुई, बायो फ्यूल को तवज्जो देने का भी निर्णय लिया गया जिसके तहत पेड़ पौधों अनाज शैवाल भूसी फूड बेस्ट से बायो फ्यूल बनाने पर आम राय बनी। साथ ही भारत, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच आर्थिक कॉरीडोर के निर्माण को अंतिम रूप दिया गया।

भारत के मुंबई से पश्चिम एशिया होते हुए यूरोप तक का यह करिश्माई कॉरीडोर भारत और यूरोप को पास लायेगा जो रेल यातायात से प्रारंभ होकर यूरोप में समुद्री मार्ग से जुड़ेगा और शिप के माध्यम से आगे बड़कर अंतिम पड़ाव तक पहुंचेगा। रेल और शिप के गठजोड़ के इस कॉरीडोर के बनने से व्यापार सस्ता होगा और खर्च में कमी आयेगी चूकि इसमें सभी G 20 के देश अपना अपना दायित्व निभाएंगे जिससे चीन से कर्ज लेकर जाल में फंसने से मित्र देश बच जायेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा इस वैश्विक सम्मेलन में कल्याण की कामना के साथ आशा और शांति का संचार हुआ है जिसने एकजुटता को बल प्रदान करने के साथ सबका साथ सबका विश्वास की भावना को बढ़ाया है। उन्होंने कहा अभी नवंबर तक हमारे पास वक्त है मेरा सुझाव है कि हमने जो निर्णय लिए जो सुझाव इस समिट में लिए है उनपर हम एक वर्चुअल सेशन रखे और उन सभी विषयों की समीक्षा करे। इस सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति सहित अन्य प्रमुख देशों के राष्ट्राध्यक्षो से व्दिपक्षीय वार्ता भी की जिसमें एक दूसरे देश को आपसी सहयोग और अपनी जरूरतों को पूरा करने पर सहमति बनाई।

रविवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन सहित सभी देशों के राष्ट्रपति राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी को श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया। जबकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षरा सुनक अक्षर धाम मंदिर भी पहुंचे और उन्होंने दर्शन के साथ पूजा अर्चना की।

Tags : G20
Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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