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ग्वालियरमध्य प्रदेश

बच्चा चोर गिरोह के दो सदस्यों को भेजा जेल, दावा करने वाले परिजनों होगा डीएनए

ग्वालियर- ग्वालियर में पिछले दिनों पकडे गए बच्चा चोर गिरोह के दो सदस्यों को सोमवार को न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। इस गिरोह से अब तक 9 बालिकांए मिल चुकी है। जिनमें से पांच को उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया है। लेकिन चार बच्चियां फिलहाल चाइल्ड हेल्पलाइन की देखरेख में है। एक बच्ची नंदिनी के परिजन पुलिस के पास पहुंचे जरूर है लेकिन बच्ची उन्हें पहचान नहीं पा रही है।

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पुष्पा और अशोक का दावा है कि तीन साल पहले उनकी बेटी कंपू इलाके से अचानक गायब हो गई थी। इस समय नंदिनी की उम्र 5 साल है। वो अपने परिजनों को पहचानने से इंकार कर रही है। इस बच्ची को बदनापुरा से मुक्त कराया गया था। एएसपी दिनेश कौशल का कहना है कि बच्चियों के असली माता-पिता तक उन्हें पहुंचाने के लिए डीएनए कराया जाएगा। क्योकिं छोटी उम्र में अपनों से बिछडी बच्चियां जल्द ही अपनी याद भुला देती है। ऐसे में डीएनए का सहारा ही एकमात्र विकल्प है। फिलहाल नंदिनी और उसके परिजन होने का दावा करने वालों पर डीएनए कराया जा रहा है। बच्चा चोर गिरोह की मुख्य सदस्य लक्ष्मी और बिचैलिए राममिलन को पुलिस ने जिला न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया, 6 आरोपी पहले ही जेल भेजे जा चुके है। गौरतलब है कि गिरोह का मुख्य धंधा गरीब और निम्न परिवार की बालिकाआों को 2-3 साल की उम्र में अगवा कर उन्हें देह व्यापार के लिए बदनाम बेडिया, बांछड़ा जैसी जातियों के पुरूषों को 35-40 हजार रूपये में बेच दिया जाता था। ये लोग बच्चियों को सयानी होने तक उनकी परवरिश करते और बाद में उन्हें देह व्यापार के घिनौने धंधे में धकेल दिया जाता था।

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इस गिरोह से अब तक 9 बच्चियां बरामद हो चुकी है। बरामद की गई बच्चियों के नाम नैना और क्रांति बताए गए है। गौरतलब है कि 29 दिसंबर को ग्वालियर के साई बाबा मंदिर पर 4 साल की मासूम बालिका दिव्या का अपहरण कर लिया गया था। जिसे इंदरगंज क्षेत्र में टैम्पू चालक की सतर्कता से लक्ष्मी जाटव नामक महिला को रंगे हाथों पकडा गया था।

 

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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