मोहाली/ पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल अब नहीं रहे 95 साल की उम्र में उनका निधन हो गया बताया जाता है पिछले दिनों से वे बीमार थे और सांस लेने में दिक्कत के चलते उन्हें मंगलवार को मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान मंगलवार को रात 8 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। जानकारी के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार पंजाब के मुक्तसर के बादल गांव में गुरुवार को होगा। उनके निधन पर केंद्र सरकार ने दो दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की हैं।
शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल की राजनेतिक पारी की शुरूआत 1947 में हुई थी जब वे 20 साल की छोटी उम्र में सरपंच बने उसके बाद राजनीति और जनसेवा से आपने आजतक मुंह नही मोड़ा वे 1957 में शिरोमणि अकाली दल से चुनाव लडा और पहली बार विधायक बने और 10 बार विधायक का चुनाव जीते 43 साल की उम्र में पंजाब के पहली बार मुख्यमंत्री बने और 2012 में 84 साल की उम्र में सबसे बुजुर्ग सीएम बने इस तरह वे 1970 और 2017 के बीच 5 बार पंजाब के सीएम रहे जबकि 7 दशक तक वह पंजाब की राजनीति के जरिए राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र में रहे जबकि 1977 में मुरारजी देसाई की सरकार में उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री की जिम्मेदारी सम्हाली।
प्रकाश सिंह बादल वह नेता रहे जिन्होंने इमरजेंसी के दौरान 18 महिने जेल में बिताए यहां तक वे अपनी इकलोती बेटी की शादी में भी शरीक नहीं हुए चाहते तो उन्हें पेरोल मिल सकती थी ऐसे जननेता थे बादल जो खुद को पार्टी का एक सच्चा सिपाही बताते थे इतना ही नहीं पंजाब के जनमुद्दों को लेकर वह करीब 16 साल जेल में रहे। इसी के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में उन्हें भारत का नेल्सन मंडेला बताया था। साथ ही 2019 के लोकसभा चुनाव में पर्चा दाखिल करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें चरण छूकर आशीर्वाद भी लिया था।श्री बादल को केंद्र सरकार ने 2015 में पद्म विभूषण सम्मान से नवाजा था लेकिन किसान आंदोलन के समर्थन में उसे उन्होंने लौटा दिया था।
पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बाद के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा वे भारतीय राजनीति की महान हस्ती थे उन्होंने हमारे देश के लिए बहुत योगदान दिया रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है जबकि लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने उन्हें शोक श्रृद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके निधन से राजनीति के एक युग का अंत हों गया।