ग्वालियर— मध्यप्रदेश शासन द्वारा जनता की समस्याओं के निपटारे के लिए चलाई जा रही जनसुनवाई नगर निगम के लिए मजाक बनकर रह गई है। यहाँ निगम कमिश्नर अनय द्विवेदी के हठीले फैसलों के चलते जनता की समस्या की सुनवाई नहीं होती। . ऐसा ही एक मामला मंगलवार को हुआ जब उपनगर ग्वालियर और हजीरा क्षेत्र के कुछ लोग जिनमे ज्यादातर महिलाएं शामिल थी , नलों में आ रहे गंदे पानी को बोतल में भरकर निगम मुख्यालय पहुंची तो निगम कर्मचारियों ने मुख्य द्वार बंद कर दिया और उन्हें जन सुनवाई में नहीं जाने दिया।
खास बात ये है कि इसमें एक ऐसी बूढी महिला भी शामिल थी जिसने कुछ दिन पहले ही गंदे पानी के कारण हुए पीलिया से अपनी बहु को खोया है। समस्या लेकर पहुंची महिलाओं के मुताबिक उनके घरों में ज्यादातर लोग संक्रामक बीमारियों के शिकार है। . निगम अफसर और पार्षद कोई सुनवाई नहीं करते। क्षेत्रीय लोगों के निगम मुख्यालय पहुँचने की सूचना लगते ही पूर्व विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर भी पहुँच गए और जब उन्होंने दबाव बनाया तब कही जाकर मुख्य द्वार खोला गया। पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि करोड़ों रुपये मैंने पानी और सीवर के नाम पर नगर निगम को अपने कार्यकाल में दिलवाये है लेकिन निगम अफसरों ने उन्हें बाँट खाया।