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सासन रिलायंस पावर प्लांट का फ्लाय ऐश डेम ढहा
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आधा दर्जन गांव के ग्रामीणों की किस्मत राख के मलबे में दबी
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5 लोग लापता
सिंगरौली-मध्यप्रदेश के सिंगरौली के सासन स्थित रिलायंस पॉवर प्लांट का फ्लाय ऐश डेम बीती रात फूटने से आधा दर्जन गांवों में कीचड़ युक्त राख का सैलाब आने से तबाही मच गई है।
कई घर इस राखड़ में दब गये जबकि पांच लोग लापता हो गये है और कई बीघा की फसल चौपट हो गई हैं।प्रशासन ने लापता लोगों की खोजबीन के साथ इलाके को खाली कराने की कार्यवाही शुरू कर दी हैं। खास बात है स्थानीय ग्रामीणों ने डैम के लीकेज की शिकायत भी की थी लेकिन उस पर कोई जिला प्रशासन और पावर प्लांट के प्रबंधन ने कोई ध्यान नही दिया।
रिलायंस पावर कंपनी का फ्लाई ऐश डेम में लाखों टन मलबा भरा था उसमें जहां लीकेज था वह हिस्सा कमजोर हो गया और वही से शुक्रवार शाम यह डेम अचानक फूट गया और इसका राख का मलबा बड़ी तेजी से बहने लगा और इसने सासन शिवहरी सिद्धिकला सहित आधा दर्जन गांवों को अपनी चपैट में ले लिया ।
जिससे प्रभावित गांवों में अफरा तफरी फैल गई इस राख के कीचड़ युक्त मलबे में कई मकान दब गये तो इधर उधर भाग रहे कई लोग इस राख के तेज बहाव में फंस गए जो किसी तरह उस मलबे से बाहर निकले लेकिन सिद्धिकला गांव के दो परिवारों के 5 लोग इस कीचड़ में दब गये उनका अभी तक पता नही चला हैं।
बताया जाता है सासन से एक किलोमीटर के वर्ग क्षेत्र में यह गाड़ी राख की यह नदी बह रही है। जिससे तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है घरों के अलावा इन आधा दर्जन गांवों की फसल जो पककर खड़ी थी और किसान उसे काटने की तैयारी में थे उनकी यह सैकडों बीघा में फैली फसल राख के मलबे में दब गई हैं।
खबर मिलने पर कलेक्टर और एस पी सहित रिलायंस पॉवर कंपनी के अधिकारी मौके पर पंहुचे और बचाव कार्य शुरू कराया, एसपी टीके विद्धार्थी ने 5 लोगों के लापता होने की पुष्टि करते हुए कहा कि उनकी खोजबींन की जा रही हैं।
सिंगरौली के सासन का यह रिलायंस पावर प्लांट देश के बड़े प्लांट में शामिल है जिसकी क्षमता 3960 मेगावाट विद्दयुत उत्पादन की है जैसा के इस प्लांट से रोजाना निकलने वाली लाखो टन फ्लाई ऐश यहां स्थित बड़े बड़े तालाबों में इकट्ठा की जाती है।
खास बात है एस्सार और एनटीपीसी के ऐश डेम फूटने के बाद एनजीटी ने देश की सभी कंपनियों से स्व प्रमाण पत्र मांगे थे जिसमें सासन का यह रिलायंस का यह पावर प्लांट भी शामिल था।
जिसके प्रबंधन ने अपने प्लांट को पूर्ण सुरक्षित सही हालत में बताकर प्रमाण पत्र भी एनजीटी को सौपा था लेकिन ग्रामीणों की शिकायत के बावजूद डेम के रिसाव पर कोई ध्यान नही दिया और आज प्रबंधन की लापरवाही और अनदेखी के कारण यह डेम टूट गया जिससे 6 गांव के ग्रामीणों की किस्मत राख के मलबे में दब गई तो 5 लोगों की जान पर बन आई।