पटना – बिहार में बाढ़ का प्रकोप अब लोगो पर कहर बनकर टूँट रहा है, अभी तक यहाँ 119 लोगो की मौत हो चुकी है और 16 जिलो के एक करोड़ नागरिक पलायन करने को मजबूर है। अभी तक बचाव टीमो ने तीन लाख उनसठ हजार प्रभावितो को सुरक्षित जगहो पर पहुंचाया है परन्तु कई इलाको में लोग पानी और बाढ़ में अभी भी फ़ँसे हुए है।बिहार प्रान्त के पूर्वी और पश्चिमी चंपारण क्षेत्र इन दिनो भीषण बारिश और बाढ़ की चपैट में है। लगातार हो रही बरसात से लोगो की मुश्किले बड़ती ही जा रही है। सबसे अधिक प्रभावित 16 जिले है जिसमे पूर्वी चंपारण के सीतामढी़, मुजफ़्फ़रपुर, दरभंगा, शिवहर्, सहसरा, खगडि़या, मधोपुरा, और पश्चिमी चंपारण के अररिया, सुपोल्, मधुवनी, किशन गंज, पूर्णिया, कटिहार्, बगहा, बेतिया, मोतीहारी, गोपालगंज, जिले शामिल है।
यहाँ बाढ़ ने लोगो को बेघर कर दिया है उनका सामान खासकर खाने पीने की चीजे नष्ट हो गई है, जबकि एनडीआरएफ़, एसडीआरएफ़ की करीब 40 टीमे और सैना के 300 जवान बचाव कार्यो मै जुटे हुए है, जिन्होने अभी तक 3 लाख 59 हजार लोगो को सुरक्षित स्थानो पर पहुंचाने का बड़ा काम अपनी जान जोखिम मै डालकर किया है। वही 2 लाख 13 हजार लोग राहत शिविरो में शरण लिये है, सबसे ज्यादा सुपोल मधुवनी और अररिया जिले बाढ़ का प्रकोप झेल रहे है जहा चारो तरफ़ पानी ही पानी देखा जा रहा है। ज्यादातर जिलो में नदी नाले उफ़ान पर है नेपाल की नारायणी नदी से छोडे़ गये पानी ने स्थिति और बिगाड़ दी है पुल पुलियाँ टूट गये है लोगो का आसपास के क्षेत्रों और शहरो से सम्बन्ध समाप्त हो गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हवाई सर्वे के बाद प्रभावितो को राहत और बचाव कार्यो में और तेजी लाने के साथ उन्हें स्वास्थ्य सुविधा और उनके खाने पीने की व्यवस्था करने के आदेश प्रशासन को दिये है। जबकि राजद नेता लालूप्रसाद यादव ने पार्टी के कार्यकर्ताओ को प्रभावितो की मदद करने के निर्देश दिये है, और कहा है कि कार्यकर्ता बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर राहत और बचाव कार्य करे और पीड़ितो को निकालकर सूखे इलाको में लाये।