ग्वालियर- हाईकोर्ट ने सीएमएचओ को विहित अधिकारी के रुप में कार्य करने संबंधि याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार को जवाब देने के लिए अंतिम मौका दिया है। उपभोक्ता नागरिक मंच द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि अगस्त 2016 के बाद किसी सीएमएचओ को विहित अधिकारी के रुप में कार्य करने की वैधता नहीं है, जबकि खद्य अपमिश्रण के मामलों में चालान के साथ कोर्ट स्लिप ही विहित अधिकारी जारी करता है।
ऐसे में मिलावट खोरों को चालान न पेश होने का लाभ मिलेगा, और वो कानूनी खामियों का हवाला देकर बच निकलेंगे। पिछले दिनों कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को इस मामले पर जवाब देने के लिए निर्देश दिए थे, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से अभी तक कोई जवाब नही दिए गए, अब कोर्ट ने अंतिम मौका देते हुए कहा है कि दो सप्ताह में जवाब नहीं आने पर आयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रशासन खुद कोर्ट में पेश हो।