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लखनऊ

लखनऊ कोर्ट में दिनदहाड़े फायरिंग, पुलिस की मौजूदगी में गैंगेस्टर संजीव जीवा की हत्या, एक बच्ची और पुलिस कर्मी भी घायल

Lucknow HC
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लखनऊ / उत्तर प्रदेश के लखनऊ कोर्ट में आज दिनदहाड़े एक गैंगेस्टर संजीव जीवा की पुलिस की मौजूदगी में गोली मारकर हत्या कर दी गई, बताया जाता है वकील के भेष में आए बदमाशों ने कोर्ट में आकर उसपर अचानक फायरिंग शुरू कर दी। इस फायरिंग में एक बच्ची और पुलिस कर्मी को भी गोली लगी बच्ची की हालत गंभीर बताई जा रही है। इस खूनी वारदात के बाद अदालत में अफरा तफरी फेल गई इस बीच पुलिस ने एक शूटर को गिरफ्तार भी कर लिया है लेकिन सुरक्षा की मांग को लेकर वकीलों ने कोर्ट परिसर में धरना शुरू कर दिया हैं।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कोर्ट में आज बड़े अपराधी और गैंगस्टर संजीव जीवा की पेशी थी पुलिस उसे लेकर आई थी जब वह दोपहर में पेशी के इंतजार में अदालत में मोजूद था तभी अचानक कुछ बदमाश जो सफेद कपड़े और काला कोट पहने थे वकील की ड्रेस में आ धमके और उन्होंने संजीव जीवा पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी कई गोली शरीर में लगने से संजीव की मौके पर ही मौत हो गई जबकि इस फायरिंग में एक 2 साल की बच्ची और दो पुलिस कर्मी भी गोली लगने से घायल हुए हैं। बताया जाता है फायरिंग कर भाग रहे एक आरोपी विजय यादव को वकीलों और अन्य लोगों ने घेर लिया और उसको पकड़ कर पहले पिटाई लगाई बाद में उसे पुलिस के हवाले कर दिया।

घटना के बाद पुलिस जीवा को लेकर बलरामपुर अस्पताल लेकर पहुंची जहां सीएमएस डॉक्टर जीपी गुप्ता ने उसे मृत घोषित कर दिया उनके मुताबिक दो साल की बच्ची को पीछे से गोली लगी है उसकी हालत गंभीर है उसे केजेएमयू के ट्रामा सेंटर रेफर किया गया है जबकि पुलिस कर्मी मामूली घायल थे जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।

बताया जाता है मुजफ्फरपुर का रहने वाला संजीव महेश्वरी ऊर्फ जीवा एक शातिर अपराधी था उसपर हत्या अपहरण सहित अन्य अपराध के 22 मुकदमे कायम थे जिनमें से 17 में बरी हो चुका था उस समय वह लखनऊ की जेल में बंद था। 1990 के दशक में उसपर एक कारोबारी के बेटे को अगवा करने और 2 करोड़ की फिरौती मांगने का मामला कायम हुआ बाद में वह हरिद्वार के नाजिम गैंग में शामिल हो गया और उसके बाद सतेंद्र बरनाला गैंग का सदस्य बन गया। फरवरी 1997 में वह भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में नामजद हुआ जिसमें उसे उम्र कैद की सजा हुई इस दौरान वह मुन्ना बजरंगी गैंग और उसके बाद मुख्तार अंसारी के संपर्क में आया और हथियारों की खैप उपलब्ध कराने का विशेषज्ञ होने से वह अंसारी के अधिक नजदीक आ गया। जीवा पर 2017 में कारोबारी अमित दीक्षित गोल्डी हत्याकांड में शामिल होने का आरोप लगा था बाद में जांच के बाद अदालत ने जीवा सहित 4 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। खास बात है इसने अपना गैंग भी खड़ा कर लिया और इसके गैंग में 35 सदस्य बताएं जाते है इतना ही नहीं यह जेल में रहते हुए अपना गैंग ऑपरेट करता था। लेकिन हाल में इसकी पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इसकी हत्या की आशंका भी जाहिर की थी।

इस घटना पर सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा कि अब कोर्ट भी सुरक्षित नहीं है उन्होंने कहा सवाल यह नही कि कोन मारा जा रहा है या कोन मार रहा है चिंता की बात यह कि कहा मारा जा रहा है और पुलिस के सामने और पुलिस हिरासत में हत्या हो रही है यह गंभीर बात है सरकार की कोई कानून व्यवस्था दिखाई नहीं देती उन्होंने प्रश्न किया कि यूपी में कार्यवाहक डीजीपी क्यों है।

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