भोपाल/ बीजेपी ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ राष्ट्रीय प्रवक्ता जयराम नरेश और कांग्रेस नेता अरुण यादव के खिलाफ प्रदेश के 41 पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज कराई है इन नेताओं पर आरोप है कि इन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल भ्रष्टाचार से जुड़े एक पत्र को शेयर किया था। पुलिस ने ज्ञानेंद्र अवस्थी नामक एक अज्ञात व्यक्ति पर भी मामला दर्ज किया है दरअसल जो लेटर सोशल मीडिया पर देखा जा रहा था वह लघु एवं मध्यम क्षेत्रीय संविदाकार संघ की तथाकथित संस्था के लेटर हेड पर है यह शिकायती पत्र हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के मुख्य न्यायाधीश के नाम से लिखा गया हैं। जबकि इस मामले को लेकर भाजपा और कांग्रेस में बयानों के तीखे बार पलटवार जारी है। जबकि क्राईम ब्रांच का कहना है इस मामले में सामान्य गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं है।
इंदौर के संयोगिता गंज पुलिस थाने में शनिवार को बीजेपी के विधि प्रकोष्ठ के नेता निमेश पाठक ने एफआईआर दर्ज कराई जिसमें प्रियंका गांधी पर उनके ट्वीटर हैंडल से एक भ्रामक ट्वीट करने का आरोप लगाते हुए कहा गया कि कांग्रेस ने भाजपा की छवि धूमिल करने का काम किया है जिसके तहत संयोगितागंज थाने में शनिवार की रात धारा 400, 469 के तहत मामला दर्ज किया गया हैं।
जबकि भोपाल के क्राईम ब्रांच में भी इस मामले को लेकर धारा 469, 500, 501 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है इससे पहले शनिवार को कांग्रेस नेताओं के खिलाफ बीजेपी ने क्राइम ब्रांच में शिकायत की थी जिसमें बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया था कि षडयंत्र के अंतर्गत किसी ठेकेदार यूनियन के नाम से फर्जी लेटर सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया जिससे भाजपा की छवि खराब करने की कोशिश कांग्रेस ने की है शिकायत में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा पीसीसी चीफ कमलनाथ कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयराम नरेश और कांग्रेस नेता अरुण यादव पर कार्यवाही की मांग की गई है।
सोशल मीडिया में जो पत्र आया उसको कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है उसमें कथित लघु एवं मध्यम क्षेत्रीय निविदाकार संघ नाम का लेटर है इसमें नीचे किसी ज्ञानेद्र अवस्थी के हस्ताक्षर है और इस पत्र में ग्वालियर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम से शिकायत की गई है पत्र में लिखा है कि 50 फीसदी कमीशन देने पर ही भुगतान होता है और सरकार में कोई सुनने वाला नहीं है विभाग में दलाल isa कदर सक्रिय है कि 50 फीसदी कमीशन लेकर भुगतान करा रहे हैं मूल ठेकेदार हमें 40 फीसदी हिस्सा देकर काम कराते है कुल स्वीकृत राशि में से 50 फीसदी राशि बंट जाती है बाकी में से 10 फीसदी मूल ठेकेदार रखता है इस तरह पेटी कांट्रेक्टर का जीवन नारकीय हो गया हैं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस मामले में ट्वीट किया, मध्यप्रदेश में ठेकेदारों के संघ ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शिकायत की है कि प्रदेश के 50 प्रतिशत कमीशन देने पर ही भुगतान होता है, कर्नाटक की भ्रष्ट बीजेपी सरकार 40 प्रतिशत बसूली करती थी, मध्यप्रदेश में बीजेपी अपना ही रिकार्ड तोड़कर आगे की ओर बढ़ गई है कर्नाटक की जनता ने 40 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार को बाहर किया अब मध्यप्रदेश की जनता 50 प्रतिशत कमीशन वाली सरक को सत्ता से हटाएगी।
इसके बाद एक प्रेस कान्फ्रेस में बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा एक ब्यूह रचना के तहत झूठ बोलने कांग्रेस ने एक तथाकथित ठेकेदार और कोई एशोसियेशन के नाम से झूठा पत्र जारी किया है मैं हमेशा से कहता आया हूं कि मप्र के अंदर मिस्टर बंटाधार दिग्विजय सिंह और करेपटनाथ कमलनाथ झूठ बोलने की मशीन है अब तो इन्होंने झूठ बोलने का रिकॉर्ड बनाया है केंद्रीय नेतृत्व के नेता प्रियंका गांधी हो या राहुल गांधी इनसे झूठे पत्र के माध्यम से ट्वीट कराया यही कांग्रेस का वास्तविक चरित्र है इस साईबर क्राइम के खिलाफ भाजपा कड़ा एक्शन लेगी और हम कानूनी कार्यवाही करेंगे।
जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा भ्रम फैलाया जा रहा है लेटर में जो एड्रेस है वह कही नही मिले, आदमी है नही संस्था का पता लापता चिट्ठी फर्जी , सूत ना कपास कांग्रेस में लट्ठम लट्ठ।
इधर केस दर्ज होने के बाद कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, कांग्रेस पार्टी के नेता अग्रेजों से नही डरे तो इस तरह की एफआईआर से क्या डरेंगे ,पहले लड़े थे गोरों से अब लड़ेंगे 50 प्रतिशत कमीशनखोरो से। जबकि पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा, हज़ारों मामले है। किन किन पर केस करेंगी बीजेपी,पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार का खुलासा हो रहा हैं, उनके पास उपाय क्या हैं? एक पत्र क्या 100 ..100 पत्र है।
इधर ठेकेदारों से 50 फीसदी कमीशन लिए जाने का पत्र लिखने वाले ज्ञानेंद्र अवस्थी के बारे में पुलिस को कोई जानकारी नहीं मिल रही जिससे पत्र फर्जी बताया जा रहा है पत्र जिस लघु एवं मध्यम श्रेणी संविदाकार संघ नामक संस्था के लेटर हेड पर है उसका राजिस्ट्रेशन भी नही मिल रहा है यह जानकारी भोपाल क्राइम ब्रांच ने दी है। क्राइम ब्रांच की पुलिस उपायुक्त श्रुतिकीर्ति सोमवंशी के मुताबिक जिन धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है उसमें 7 साल से कम की सह का प्रावधान है इसलिए उनकी सामान्य गिरफ्तारी नहीं होगी उन्हें एक नोटिस दिया जाएगा आगे कोर्ट में कार्यवाही होगी वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की जा रही है इसके बाद तय करेंगे कि नोटिस देना है या सूचना देकर उन्हें बुलाना है।