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मौत के ढेर पर स्थित मोची ओली में भीषण अग्निकांड
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फोम गद्दों की दुकान में लगी आग 12 घंटो में 55 टैंक पानी की बौछार
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बुजुर्ग दंपति जिंदा जले
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क्या चेतेगा प्रशासन
ग्वालियर – ग्वालियर के अनेक बाजार ऐसे है जहां अग्निकांड होने पर दमकल दस्ता या तो पहुंच नही पाता या पहुंचने के लिये उसे काफी मेहनत मशक्कत करना पड़ती है कारण सकरी गलियों और घनी बस्तियों में इन दुकानो का होना है उस पर यदि तेज ज्वलनशील तेजाब केमिकल और फोम के गद्दे के शो रूम और उनके गोदाम हो तो फिर ऊपर वाला ही मालिक है।
बीते दिन एक ऐसी ही अग्निकांड की घटना में दो लोग जिंदा जलकर खाक हो गये उन्हें तमाम कोशिशों के बाबजूद बचाया नही जा सका। साथ ही लाखों का सामान जल कर मलवे के ढेर में तब्दील हो गया। यदि इस घटना के बाद भी प्रशासन और लोग नही जागे तो भविष्य में यहां एक बड़ी तबाही होने से इंकार नही किया जा सकता।
ग्वालियर के अत्यंत व्यस्त बाजार डीडवाना ओली सराफा बाजार से लगे मोची ओली में गत बुद्धवार को यह अग्निकांड की बेहद बड़ी घटना हुई रात 11 बजे हरीश शिवहरे की फोम गद्दों की दुकान में अचानक आग भड़कने लगी जबतक फायर ब्रिगेड का दस्ता वहां आता आग ने रौद्र रूप ले लिया और वह उनके तीसरे माले पर बने गोदाम तक जा पहुंची।
इस बीच हरीश जो मकान के बीच के हिस्से में था ऊपर परिवार को ले गया लेकिन वहां फैली आग को देखकर बापस लोटा हरीश के पिता असहाय थे मॉ वृद्ध और बीमार किसी तरह पड़ोसियों की मदद से उसने अपने दो बच्चों और पत्नी को नीचे फेका पिता समझ गए थे कि यदि मेने इसे अपनी और अपनी पत्नी की जान बचाने के लिये रोका तो मेरे साथ यह भी आग की बलि चढ़ जायेगा और पिता प्रेमनारायण के जबर्दस्ती करने और बहुत कहने पर वह भी नीचे कूद गया जिससे उसे चोट आई और पैर फ्रेक्चर हो गया। लेकिन उंसके पिता प्रेमनारायण शिवहरे और माँ रामबाई की उस आग में जिंदा जलकर दुःखद मौत हो गई।
निगम के फायर ब्रिगेड के कर्मचारियो को गली सकरी होने की बजह से काफी परेशानी आई पानी के वाहन अंदर नही आये आस पास जलते घर पर पानी फेकने का कोई स्थान और जरिया नही था उन्हें दूसरे मकानों पर चढ़ कर पानी को फायर करना पड़ रहा था इस मुसीबत के चलते बाद में पड़ोसी के घर की दीवार तोड़ी गई और पानी घर में फेंका गया उससे आग पर काबू पाने में काफी मदद हुई ।
इस अग्निकांड में 55 टैंक पानी और 500 लीटर फोम का छिड़काव किया गया और फायर ब्रिगेड के दो अधिकासरियो सहित करीब ढेड़ दर्जन कर्मचारी लगातार 12 घंटे आग बुझाने के लिये कड़ी मेहनत करते रहे उसके बाद किसी तरह आग पर काबू पाया गया।लेकिन लोगों की लापरवाही और इस अग्निकांड ने दो बुजुर्गो की जिंदगी छीन ली जिनकी मकान की तीसरी मंजिल पर कुछ हड्डियां और कुछ पहचान चिन्ह ही बाकी रह गये।
खास बात है जहां यह हादसा हुआ यह मोची ओली का पूरा इलाका फोम गद्दों केमिकल और तेजाब का बाजार है जो बेहद ज्वलनशील होते है बल्कि तेजाब तो विस्फोटक भी साबित हो सकता है आसपास नई सड़क सराफा बाजार डीडवाना ओली दाना ओली जैसे व्यस्त और बड़े बाजार है यदि यह आग फैलती तो जान माल का बड़ा हादसा होता यह आग समूचे मोची ओली को तो निगल ही जाती बल्कि आसपास के बाजार भी प्रभावित हो सकते थे।
इस घटना के बाद हरीश के घर के सामने गली में लगे जले सामान के मलबे के ढेर सब कहानी बयां कर रहे है लोग डरे सहमे भी है इस केमिकल तेजाब और फोम के बाजार को अन्य जगह शिफ्ट करने की आवाजें भी उठ रही है उसपर प्रशासन और वहां के कारोबारी कितनी गंभीरता से ध्यान देते है समय बतायेगा।