श्योपुर / मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित पालपुर कूनो नेशनल पार्क में मंगलवार को 2 नए चीता शावकों की किलकारी गूंजी है। मादा चीता वीरा ने 2 नन्हें शावकों को जन्म दिया है। इस तरह कूनो में अब शावकों की संख्या 14 हो गई है, और 12 वयस्क चीतों के साथ इस वन्य प्रजाति की कुल संख्या अब 26 हो गई है। केंद्रीय बन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने देश के एकमात्र चीता अभ्यारण वन भूमि धरती पर 2 नए मेहमानों के आगमन पर खुशी जताते हुए अधिकारियों, चिकित्सकों और फील्ड स्टाफ को इन पर सतत नजर बनाए रखने के निर्देश दिए है।
केंद्रीय वन मंत्री यादव ने दी खुशखबरी …
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कूनो अभ्यारण प्रशासन से खुशखबरी मिलने के बाद X पर पोस्ट किया इन नवजात चीता शावकों की वीडियो पोस्ट कर जानकारी दी साथ ही खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने लिखा .. बसंत ऋतु की शुरुआत के साथ कूनो की हवा में अंतहीन खुशी और उत्साह भर जाता है हम कूनो अभ्यारण में दो नए चीता शावकों के आगमन का स्वागत करते है। दक्षिण अफ्रीका के त्वालू कालाहारी रिजर्व से लाई गई मादा चीता वीरा (5 साल) ने आज 2 शावकों को जन्म दिया है।
कूनो में नन्हें चीतों की किलकारी गूंजी कहा सीएम ने –
जबकि सीएम मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दोनों शावकों की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है- नन्हे चीतों की किलकारी से फिर गूंजा कूनो। मध्यप्रदेश की ‘जंगल बुक’ में 2 चीता शावकों की दस्तक। सीएम ने लिखा- मुझे ये जानकारी साझा करते हुए काफी खुशी हो रही है कि मध्यप्रदेश की धरती पर चीतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आज मादा चीता वीरा ने 2 नन्हे शावकों को जन्म दिया है। मध्यप्रदेश की धरती पर चीता शावकों का स्वागत है। प्रदेशवासियों को इन नन्हे शावकों के आगमन पर हार्दिक बधाई देता हूं।
सीएम डॉ. यादव ने प्रोजेक्ट से जुड़े सभी अधिकारियों, चिकित्सकों और फील्ड स्टाफ को बधाई दी। उन्होंने आगे लिखा- इनके अथक परिश्रम के परिणामस्वरूप आज मध्यप्रदेश को ‘चीतों की धरती’ के नाम से भी जाना जाता है। चीतों का कुनबा निरंतर बढ़ने से प्रदेश के पर्यटन को नई उड़ान मिल रही है, जिससे रोजगार के नये द्वार खुल रहे हैं। हम चीतों के साथ ही सभी वन्यजीवों के संरक्षण, संवर्धन और पुनर्स्थापना के लिए हमेशा तैयार हैं।
भारत के कूनो अभ्यारण में आए थे 20 वयस्क चीते –
17 सितंबर 2022 को नामीबिया से 8 चीते आए थे उसके बाद 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे। इन सभी को कूनो अभ्यारण में वन विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर बसाया गया था। इनमें से 8 चीतों की 26 मार्च और 27 अगस्त के बीच विभिन्न कारणों से मौत हो गई। मरने वालों में साशा, उदय दक्षा (मादा) तेजस, सूरज, धात्री (मादा), और शौर्य नामक नर मादा चीते शामिल है। खास बात है अभी तक अभ्यारण में 21 चीता शावकों का जन्म हो चुका है जिसमें शामिल मादा ज्वाला ने दो बार चार चार शावकों को जन्म दिया जबकि आशा ने 3 गामिनी ने 6 निर्वा ने 4 और अब वीरा नाम की मादा चीता ने 2 नन्हे शावकों को जन्म दिया है। लेकिन पहले जन्में इन 21 शावकों में से 7 शावकों की जन्म के बाद मृत्यु हो चुकी है। लेकिन अभी भी पहले जन्में 12 शावक पूर्ण रूप से स्वस्थ्य है और वीरा के 2 शावकों के साथ कूनो में अब शावकों की संख्या 14 हो गई है। जबकि बाहर से लाए गए 12 वयस्क चीते फिलहाल पूरी तरह से तंदरुस्त और ठीक है।
कुनबे में लगातार बढ़ोतरी –
खास बात है मध्यप्रदेश का पालपुर कूनो राष्ट्रीय अभ्यारण देश का पहला और एकमात्र रिजर्व है जहां विलुप्त हो चुके वन्य प्राणी चीता को फिर से बसाया गया है शुरूआत में लग रहा था की यह वन्य प्राणि चीता क्या कूनो के जंगल में सरवाइव कर पायेंगा क्या यहां का जंगली वातावरण उसे रास आयेगा, लेकिन जो समय के अब लगता है यह लुप्तप्राय जीव यहां के वातावरण में रच बस कर अपने कुनबा को बढ़ा रहे हैं जो एक पॉजिटिव बात है।