ग्वालियर– मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भले ही मध्य प्रदेश की सड़कों को अमेरिका से बेहतर बताते हो लेकिन ग्वालियर में सड़कों के गड्ढो में फंसकर एक मजदूर की मौत हो गई। मजदूर प्रीतम जाटव तिघरा बाईपास पर गुरुवार को हुए हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था। शुक्रवार सुबह उसने ईलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया। जैसे ही पिता की मौत की खबर उसके किशोरवय बेटे आशीष को लगी वह भी फांसी पर लटक गया।
24 घंटे के भीतर पिता पुत्र की मौत के बाद पूरे मोहल्ले में मातम पसरा है। लोग हादसे के पीछे सड़कों के गड्ढों को जिम्मेवार बता रहे है। खास बात यह है कि 1 सप्ताह पहले ही अपने बेटे के गम में एक मां ने भी सातवें दिन फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। तिघरा इलाके के हाईवे बाईपास में गुरुवार की सुबह प्रीतम जाटव नाम के व्यक्ति की बाइक गड्ढे में फंसी और एक ट्रक के नीचे उछलकर जा गिरी। इससे प्रीतम बुरी तरह घायल हो गया। प्रीतम को तुरंत हॉस्पिटल भी पहुंचाया गया, लेकिन रात को उसकी तबीयत खराब हो गई। हॉस्पिटल में प्रीतम को वेंटीलेटर भी रखा गया, लेकिन शुक्रवार को तड़के उसकी मौत हो गई। जैसे ही मौत की खबर प्रतीम के घर पहुंची। घर मे शोक का माहौल हो गया। प्रतीम की 17 वर्षीय बेटा आशीष गहरे सदमें में आ गया।
रोते हुए आशीष उठा और उसने अपने को एक कमरे में बंद कर लिया। इसके बाद लोगों ने आशीष को खोजना शुरू किया, लेकिन वह नहीं मिला। इसी बीच एक रिश्तेदार उस कमरे में पहुंचा, जहां आशीष रहता था। कमरे में आशीष फांसी से लटका हुआ था। रिश्तेदार ने जब आशीष के फांसी लगा लेने की बात बताई तो घर में पसरा मातम दोगुना हो गया। पिता की मौत से दुखी बेटे आशीष ने भी अपनी जान दे दी। पिता-पुत्र की मौत के बाद गोल पहाड़िया इलाके में दुख के साथ तनाव की स्थिति है। लोगों का कहना है कि यदि सड़क पर गड्ढे नहीं होते तो प्रीतम की जान नहीं जाती और इस तरह 24 घण्टें की भीतर पिता-पुत्र की मौत नहीं होती।