नई दिल्ली/ संयुक्त किसान मोर्चे के नेतृत्व में नोएडा के किसान अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर दिल्ली कूच के लिए आगे बढ़ रहे है किसानों ने राजधारी पहुंचकर संसद के घेराव का ऐलान किया है। इस दौरान उन्हें रोकने के लिए भारी इंतजामातों के साथ पुलिस बल तैनात रहा,दिल्ली की ओर बढ़ने के दौरान किसानों ने बेटीगेटिंग और पुलिस का घेरा तोड़ दिया और भारी संख्या में किसान आगे बढ़ रहे है। लेकिन किसानों के अलग अलग जगह भारी तादाद में जमावड़े की बजह से नोएडा और दिल्ली के रास्तों और बोर्डर पर भारी जाम लग गया हैं करीब 7 किलोमीटर लगे जाम की बजह से आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
आज सुबह से ही यूपी नोएडा के सभी जिलों से भारी संख्या में किसान नोएडा से दिल्ली जाने वाले रास्ते पर आगे बढ़ने लगे जो हाथों में अपने अपने किसान संगठनों के बैनर झंडे लिए हुए थे। किसानों की भारी भीड़ की बजह से DND,कालिंदी कुंज और चिल्ला बोर्डर पर जाम लग गया यही हाल नोएडा के एक्सप्रेस वे नोएडा सेक्टर 136 और सेक्टर 15 पर देखा गया।
किसानों को रोकने के लिए नोएडा से दिल्ली जाने वाले मार्ग और सभी बॉर्डर्स पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था और सड़को पर कई स्तरीय बेरीगेटिंग की गई साथ ही दिल्ली जाने वाले रास्तों पर किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए बेरीगेटिंग के अलावा जेसीबी मशीनें, क्रेन और बड़े बड़े कंटेनर भी लगाए गए थे लेकिन किसानों ने बेटीगेटिंग तोड़ने के साथ सभी अवरोधों को पार कर लिया और दिल्ली की ओर बढ़ते नजर आए इस बीच महामाया फ्लाई ओवर पर भारी संख्या में जब किसान आगे बढ़ रहे थे तो उन्हें दिल्ली के मुहाने पर बेरीगेटिंग लगाकर पुलिस बल ने उन्हें रोका तो किसान सड़क पर बैठ कर धरना प्रदर्शन करने लगे। जिससे जाम की स्थिति निर्मित हो गई। इस बीच कई प्रदर्शनकारी किसानों को हिरासत में लेने की भी खबर है लेकिन किसान रुकने को तैयार नहीं थे।
यूपी और नोएडा के किसानों की मांग है कि 1 जनवरी 2024 के बाद किसानों की अधिग्रहीत जमीन पर 10 फीसदी विकसित प्लाट दिए जाए, किसानों को अधिग्रहीत जमीन का 64.7% की दर से मुआवजा दिया जाए, भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास के सभी फायदें दिए जाए, नए भूमि अधिग्रहण के हिसाब से बाजार दर का 4 गुना मुआवजा दिया जाए, आबादी क्षेत्र का पूर्ण निस्तारीकरण किया जाये।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं और आंदोलन करने वाले किसानों का आरोप है कि नोएडा विकास प्राधिकरण प्रशासन से हमारी मांगों को लेकर कई स्तर की चर्चा हो चुकी है धरना प्रदर्शन के माध्यम से हमने कई बार प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराना चाहा लेकिन NDA के अधिकारी कोई ध्यान ही नहीं दे रहे, हमारी जमीनों का अधिकरण करते समय हमें जो आश्वासन दिया गया था जो करार हुआ था उसने मुताबिक प्रशासन कार्य नहीं कर रहा है अब आर पार की लड़ाई करने के लिए किसान मजबूर है और वह दिल्ली जाकर संसद का घेराव करेंगे और जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
चूंकि यह क्षेत्र आगरा और लखनऊ से जुड़ा है और इसी नोएडा के रास्ते लोग दिल्ली आते जाते है लेकिन किसानों के प्रदर्शन के कारण 5 से 7 किलोमीटर तक जाम की स्थिति बन गई। जिसके कारण आम नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।