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सिंघू बॉर्डर पर रोकने पर किसान भड़के, ट्रेक्टर से तोड़ी बेरीगेटिंग
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टकराव लाठीचार्ज पुलिस किसानों में झड़प कई घायल…
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आखिर मिली किसानों को दिल्ली में दाखिल होने की इजाजत…
नई दिल्ली- किसान बिल के विरोध में दिल्ली आये किसानों को रोकने के लिये आज पुलिस ने दिल्ली में दाखिल होने वाले सभी मुहानों पर भारी तादाद में जवानों को तैनात किया वही तीन से पांच लेयर की बेरीगेटिंग की लेकिन किसान नही माने उन्होंने दिल्ली में घुसने की हर संभव कोशिश की , जिससे टकराव की नौबत आ गई और पुलिस ने अश्रु गैस के गोले दांगे तो कुछ जगह पुलिस और किसानों के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गई और कई किसान और पुलिसकर्मी घायल भी हो गये।
इस बीच किसानों ने आक्रोशित होकर पुलिस पर पथराव भी किया बाद में किसानों ने अपने ट्रैक्टरों की मदद से पुलिस की बेरीगेटिंग तोड़ दी जिससे स्थिति बेकाबू हों गई इस बीच कुछ किसानों के जत्थे दिल्ली में दाखिल भी हो गये। जब दिल्ली पुलिस प्रशासन ने देखा कि किसानों को रोकना नामुमकिन है तो उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन का हवाला देते हुए उन्हें दिल्ली में घुसने की इजाज़त दे दी फिलहॉल उन्हें बुराड़ी स्थित निरंकारी ग्राउंड में इकट्ठा होने की मंजूरी दे दी हैं। लेकिन हजारों की संख्या में किसान और ट्रैक्टर सिंघू बॉर्डर पर ही जमा हैं और रास्ता फिलहाल जाम है।
आज दूसरे दिन भी दिल्ली के बॉर्डर पुलिस छावनी में तब्दील रहे जिससे पुलिस और किसानों के बीच तनाव के हालात साफ नजर आ रहे थे खासकर दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर पुलिस का खासा घेरा देखा गया पुलिस ने यहां किसानों को दिल्ली के अंदर दाखिल होने से रोकने के लिये 4 से पांच लेयर में बेरीगेटिंग की थी जिसमें लोहे की एंगिल के बेरीगेट कंटीले तारों की फेंसिंग इसके साथ ही तीन लाइनों में तो भारी सीमेंट कंक्रीट की लेयर और मिट्टी से भरे ट्रक की कतार पुलिस ने लगाई तो कई जगह पुलिस प्रशासन ने आसपास गहरे गड्ढे भी कर दिये।इसके अलावा आगे दिल्ली पुलिस उंसके पीछे सीआरपीएफ उंसके बाद आरएएफ और बीएसएफ के जवान तैनात किये गये।
जब पंजाब और हरियाणा से आये हजारों किसानों को सिंघू बॉर्डर पर रोका गया तो वे वही धरने पर बैठ गये लेकिन किसान कहा मानने वाले थे उन्होंने कई बेरीगेटिंग तोड़ दी तो कुछ हटा दी इस बीच पुलिस लगातार उनपर आँसू गैस के गोले दागती रही जिससे आक्रोशित किसानों ने अपने ट्रैक्टरों से बेरीगेटिंग तोडना शुरू की तो हंगामा मच गया औऱ पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया जिससे किसान और गुस्सा गये और भगदड़ मच गई।
जिसके बाद दोनो के बीच टकराव की नौबत आ गई और पुलिस और किसानों के बीच तीखी हिंसात्मक झड़प भी होने लगी इस बीच किसानों ने पथराव भी किया। कई किसानों और पुलिस कर्मियों के घायल होने की भी खबर है। टिकरी बॉर्डर पर भी पुलिस और किसानों के बीच झड़प हो गई जिसमें वहां भी कुछ किसान और पुलिस कर्मियो के घायल होने की जानकारी सामने आई हैं।
खास बात है पंजाब हरियाणा औऱ उत्तर प्रदेश से हजारों ट्रैक्टरों में किसान दिल्ली कूच को आये है जिसमें बुजुर्ग भी है तो युवक भी भारी संख्या में है हर ट्रेक्टर पर किसान करीब राशन भी बांध कर लाये है उनका कहना था कि हम दो महीने का राशन साथ लेकर आये है जब तक मोदी सरकार यह किसान बिल बापस नही लेती वह घर लौटकर जाने वाले नही हैं।
इधर उत्तर प्रदेश से भी कई किसान रैलियों ने दिल्ली कूच किया है इस बीच मोदीनगर में किसानों ने चक्काजाम किया दिल्ली हरिद्वार रोड भी जाम होने से बंद हो गया जबकि मुजफ्फरपुर में भी किसानों ने नेशनल हाईवे जाम कर दिया। जबकि मेरठ में भी मेरठ बागपत हाईवे पर किसानों के आंदोलन से जाम जैसी स्थिति देखी जा रही है।
इधर किसानों की तीन माँगे सामने आई है पहली उनका दिल्ली जाने वाला रास्ता नहीं रोका जाये, उन्हें दिल्ली में प्रदर्शन के लिये लिये सरकार जगह मुहैया कराए, किसानों की तीसरी मांग है केन्द्रीय सरकार किसानों को बातचीत के लिये तत्काल बुलाये।
इधर जब केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस प्रशासन को लगा कि स्थिति काबू से बाहर होती जा रही है इतने पुख्ता प्रबंध और बेरीगेटिंग के बावजूद किसान लौटने या आंदोलन को रोक नही रहे और आपस में तनाव और टक़राव बढ़ता जा रहा है तब लगता है अनहोनी की आशंका के चलते उंसने किसानों को दिल्ली में दाखिल होने के साथ शांति पूर्ण ढंग से प्रोटेस्ट की इजाज़त भी दे दी। शुक्रवार करीब 3 बजे दिल्ली पुलिस प्रवक्ता ईश सिंघल ने आंदोलनकारी किसानों को दिल्ली में आने की इजाजत देते हुए उन्हें स्थानीय बुलाड़ी स्थित निरंकारी मैदान में इकट्ठा होने और शान्ति पूर्ण प्रदर्शन की अनुमति की घोषणा की हैं।
लेकिन सिंघु बॉर्डर पर भारी संख्या में किसान और उनके ट्रेक्टर मोजूद हैं जिससे अव्यवस्था की स्थिति बन गई लगता है दिल्ली के चारों मुहानों से हरियाणा पंजाब उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से आने वाले किसान आज देर रात तक ही बुलाड़ी के ग्राउंड पर पहुंच पायेंगे। लेकिन सिंघू बार्डर पर मौजूद हजारों किसान और उनके ट्रेक्टर वही खड़े है और अपने वरिष्ठ किसान नेताओं के आने और उनके अगले आदेश का इंतजार कर रहे हैं।