नई दिल्ली – सयुक्त किसान मोर्चे की आज हुई बैठक में फिलहाल आंदोलन जारी रखने के फैसले के साथ अगली बैठक 4 दिसंबर को आयोजित कर आगे की रणनीति बनाने का निर्णय लिया गया बैठक में एमएसपी को कानूनी दर्जा देने के साथ किसानों ने अपनी 6 मांगे बरकरार रखी और उन्हें मोदी सरकार से शीघ्र पूरा करने का अनुरोध किया। साथ ही मोर्चे ने 29 नवंबर को आयोजित होने वाले ट्रेक्टर मार्च का कार्यक्रम फिलहाल स्थगित कर दिया हैं। साथ ही एमएसपी मामले में किसानों को साथ लेने की बात भी कही।
सयुक्त किसान मोर्चे की आज हुई बैठक में मोदी सरकार के तीनों कृषि कानून बापस लेने के निर्णय का स्वागत किया गया वही एमएसपी को कानूनी जामा पहनाने की मांग भी की गई बैठक में निर्णय लिया गया कि जबतक एमएसपी सहित अन्य मांगे पूरी नही होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। बैठक में 29 नवंबर को पूर्व घोषित ट्रैक्टर मार्च निकालने के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया लेकिन उसे खत्म नही किया गया है आगे इस पर विचार किया जायेगा बैठक में किसान नेताओं ने कहा कि एमएसपी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार किसानों से सीधी चर्चा करें और किसानों पर दर्ज मामले बापस ले साथ ही किसानों को कुचलकर मारने के दोषी अजय मिश्रा टेनी को केंद्रीय मंत्री पद से बर्खास्त किया जाये और बिजली एक्ट को बापस ले मोर्चे के नेताओ ने कहा कि उन्हें पीएम मोदी के जबाब का इंतजार रहेगा।
इधर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि अब किसान आंदोलन का कोई औचित्य नही है सरकार ने किसानों की मांग मान ली हैं इसलिये किसान अपने घर लौटे उन्होंने यह भी कहा कि हॉ यह भी सच है कि हम कृषि कानून के बारे में आंदोलनकारी किसानों को सही तरीके से समझा नही पाये। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार एक कमेटी का गठन करेगी जो एमएसपी मामले पर विचार करेगी।
जैसा कि बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी करते हुए सोमवार 29 नवंबर को सदन में आवश्यक रूप से मौजूद रहने के निर्देश जारी किये है जिससे साफ है शीतकालीन सत्र के पहले दिन अर्थात 29 नवंबर को तीनों कृषि कानून रद्द हो जायेंगे।