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किसान बिल के खिलाफ किसान आंदोलन कल से, दिल्ली कूच को निकले हजारों किसान मजदूर…
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किसान बिल किसानों की बर्बादी का कानून कहा मेघा पाटकर ने…
नई दिल्ली/ ग्वालियर – केंद्रीय मोदी सरकार के किसान बिल के विरोध में दिल्ली मे संविधान दिवस पर दो दिवसीय किसान आंदोलन होने जा रहा हैं 26 एवं 27 नवंबर को होने जा रहे इस किसान आंदोलन में देश के किसान एवं मजदूर भाग ले रहे है जो दिल्ली में इस किसान बिल के खिलाफ प्रदर्शन रैली करने के साथ सभाएं करेंगे। इसके लिये अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा एवं देश के करीब 250 किसान संगठन के नेतृत्व में किसान मजदूर दिल्ली कूच को निकले हैं।
लेकिन आंदोलन कारी किसान मजदूर और उनके नेता दिल्ली में दाखिल नही हो सके इसके लिये सरकार और उंसके पुलिस प्रशासन ने काफी पुख्ता व्यवस्थाएं की है और दिल्ली बॉर्डर को फिलहाल सील कर दिया गया है इसके अलावा हरियाणा पंजाब बॉर्डर को भी हरियाणा सरकार ने सील करने के साथ दोंनो के बीच आवाजाही को रोक दिया हैं।
दिल्ली में होने वाले इस किसान आंदोलन में शिरकत करने महाराष्ट्र गुजरात कर्नाटक सहित मध्यप्रदेश के कई शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों से सैकड़ो किसान और मजदूर आज मोर्चे के रूप में ग्वालियर आये जो यहां से दिल्ली कूच करेंगे जिनका नेतृत्व नर्मदा बचाओ अंदोलन की नेता मेघा पाटकर कर रही थी।
ग्वालियर आये विभिन्न किसान मजदूर संगठनों के नेता और कार्यकर्ता वीरांगना लक्ष्मीबाई की सामाधि पर इकट्ठा हुए और उनका आशीर्वाद लिया इस मौके पर एक सभा का आयोजन भी हुआ।
इस मौके पर नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेघा पाटकर ने केंद्रीय मोदीं सरकार को घेरते हुए कहा कि यह तीनों किसान बिल किसान मजदूर को बर्बाद करने के साथ उनके जीवन से खिलवाड़ करने वाले है जिन्हें असंवैधानिक तरीके से संसद में पास कराया गया। उन्होंने कहा निजी मंडी चालू होने से घाटे में चल रहा किसान और घाटे में चला जायेगा क्योंकि निजी कंपनियां कभी भी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं देंगी, क्योंकि तीनों बिलों में इसके लिये सरकार ने कोई कानून नही बनाया हैं।
उन्होंने कहा अन्य प्रांतों पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान और कुछ हद तक केरल की सरकार ने कृषि कानून बनाया जिसमें किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नही देने पर जेल और जुर्माने का प्रावधान रखा है लेकिन संविधान के मुताबिक मध्यप्रदेश सरकार यह कानून नही ला रही उल्टा उनकी जमीन प्राइवेट कंपनियों को देकर उन्हें उजाड़ने का काम कर रही हैं उन्होंने आरोप लगाया कि इस कृषि बिल के लागू होने पर अब किसान को अपनी खेती की जमीन बेचनी पड़ेगी या उनसे छीन ली जायेगी।
नर्मदा आंदोलन की नेता पाटकर ने एक सबाल पर कहा कि पूरे देश के लाखों की तादाद में किसान खेतिहर मजदूर दिल्ली पहुंच रहे हैं दिल्ली बॉर्डर सील होने के सबाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा करके एक तरह से प्रधानामंत्री को जेल में बंद कर दिया गया लेकिन देश में किसानों से आंदोलन का हक छीना तो समझो अब इस सरकार की खैर नही।
वहीं माकपा के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश सहित कर्नाटक महाराष्ट्र गुजरात से आये हजारों किसान ग्वालियर से दिल्ली में 26 नवंबर को होने वाले आंदोलन में भाग लेने रवाना हो रहे है यदि इन्हें दिल्ली में दाखिल नहीं होने दिया गया तो वे जहां पहुंचेंगे वही प्रदर्शन आंदोलन शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा पीएम पुलिस के पहरे में है और सरकार जब दिल्ली को जाम कर रही है तो किसानों की आधी जीत तो हों ही गई।