ग्वालियर। एक तरफ नोटबंदी का मार ओर उस पर ओलावृष्टि का मुआवजा न मिलना, किसानों के लिए आफत बनकर आया है। ग्वालियर में ऐसे कई किसान है, जिन्हें ओलावृष्टि का अबतक मुआवजा नही मिला है। जिसके चलते उनके घरों में फंाके की स्थिति बन गई है। ऐसे में प्रशासन ने मुआवजें की राशि नही मिलने पर एक किसान ने मंगलवार को ग्वालियर कलेक्ट्रट में मंगलवार को जखारा गांव का रहने वाला किसान सरदार सिंह राणा पहुचा उसने कलेक्टर से इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है।
पेशे से सरदार सिंह राणा किसान है, सरदार सिंह की जखारा में ओलावृष्टि से लगभग 5 लाख की फसल बर्बाद हो गयी। सूबे के मुखिया शिवराज सिंह ने जखारा गांव का दौरा भी किया था। उस समय सरदार को मुआवजें के नाम पर 60 हजार रूपए भी स्वीकृत हुए थे। लेकिन मुआवजें के नाम पर सरदार सिंह को एक रूपया नही मिला। जिससे आहत होकर आज उसने कलेक्टर से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है। किसान सरदार सिंह के घर पर बीते कई दिनों से फाके के हालत है। वह जैसे-तैसे कर्ज से अपना घर चला रहा था।
लेकिन नोटबंदी ने उसके घर की चाल बिगड़ा दी है। जिसको लेकर वह प्रशासन ने मुआवजें की रकम दिलवाने की गुहार लगा रहा है। बहरहाल किसान सरदार सिंह राणा मुआवजे की रकम को पाने के लिए 5 हजार रूपए की रिश्वत भी दे चुका है। लेकिन हालत ये है कि उसे मुआवजें के नाम पर बार-बार गुमराह किया जा रहा है। ये हाल अकेला सरदार सिंह का ही नही बल्कि ओर भी किसानों का है। लेकिन सिस्टम से परेशान होकर सरदार सिंह अब इच्छा मृत्यु की गुहार लगा रहा है।