श्रीनगर / कश्मीर के अनंतनाग के घने जंगलों में आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच अभी भी लगातार (गुरुवार) मुठभेड़ जारी है तेज गोलीबारी के साथ रह रह कर धमाकों की आवाज आ रही है बताया जाता है सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों की घेराबंदी कर ली है सुरक्षा बलों को अब ड्रोन और क्वाडकॉप्टर से मदद भी दी जा रही हैं। इस हमले की जिम्मेदारी रेजीडेंटस फ्रंट ने ली है बताया जाता है यह आतंकी संगठन जैस और लश्कर का नया मॉड्यूल है। जबकि शहीद सैन्य अफसरों और पुलिस अधिकारी के घर और गांवों में मातम पसरा हुआ है और खासकर महिलाओं का रो रोकर बुरा हाल है।
अनंतनाग जिले के गोडोल कोकरनाग इलाके के जंगली इलाके में छुपे हुए आतंकियों से 11 सितंबर से शुरू हुई मुठभेड़ आज गुरूवार को भी जारी है बताया जाता है यह इलाका पहाड़ और घने जंगल से घिरा है जिससे आतंकी यहां आसानी से छुप जाते हैं लेकिन सैन्य अफसरों के शहीद होने के बाद सुरक्षा बल आतंकियों के सफाए के लिए पूरे प्राणपण से जुटे हुए है। और उनपर लगातार हमले पर हमले कर रहे है। आज सुरक्षा बलों का मनोबल बड़ाने के लिए चिनार कोर कमांडर के लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और राष्ट्रीय राइफल्स विक्टर फोर्स के कमांडर मेजर जनरल बलवीर सिंह ने एनकाउंटर स्थल का दौरा भी किया।
पिछले तीन साल में यह सबसे बड़ा हमला है इससे पहले 30 मार्च 2020 को आतंकियो से हुई 18 घंटे की मुठभेड़ में एक कर्नल मेजर सब इंस्पेक्टर सहित 5 अफसर शहीद हुए थे जबकि हाल में 4 अगस्त को कुलगाम के जंगल में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच एनकाउंटर में 3 जवान शहीद हो गए थे।
इस हमले की जिम्मेदारी रेजीडेंट्स फ्रंट ने ली है जबकि पीटीआई (इंटेलिजेंस सूत्र) के मुताबिक रेजिडेंट्स फ्रंट लश्कर ए तयेबा से जुड़ा आतंकी संगठन है जो जैस और लश्कर का नया मॉड्यूल है जिसे पाकिस्तान की शह मिली हुई है और पिछले 6 माह से यह जम्मू कश्मीर में सक्रिय है पीटीआई के मुताबिक इसी आतंकी संगठन ने अप्रैल में जम्मू के पुंछ में हमला किया था और 4 अगस्त को कुलगाम से लगे जंगली इलाके में भी इसी फ्रंट ने हमला किया था। जबकि नॉर्दन आर्मी कमांड के अफसरों का कहना है जिन्होंने इस हरकत को अंजाम दिया उन्हे बख्शा नहीं जायेगा।
जैसा कि सोमवार 11 सितंबर को 4 से 5 आतंकियों की गोडोल कोकरनाग के जंगली पहाड़ी क्षेत्र में होने की खबर सुरक्षा बलों को मिली थी मंगलवार को स्थानीय पुलिस और सेना ने एक सयुक्त ऑपरेशन शुरू किया था और रात होने पर अपना ऑपरेशन बंद कर दिया था बुद्धवार 13 सितंबर को यह ज्वाइंट ऑपरेशन फिर शुरू किया गया और जब तलाशी अभियान चल रहा था तो घने जंगल में आतंकियों ने घेराबंदी की और पहाड़ के ऊपरी हिस्से की तरफ से घात लगाकर सुरक्षा बलों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी थी इस गोलाबारी में 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह मेजर आशीष घोचक और जम्मूकश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट शहीद हो गए।
इस दौरान सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को भी मार गिराया था जिसमे सुरक्षा बल के एक राइफल मेन रविकुमार भी शहीद हो गए थे जब सुरक्षा बलों ने जंगल में सर्चिंग की तो उसे मुठभेड़ स्थल से दो एके 47, 7 मैगजीन 2 बुलेट प्रूफ जोकेट और तीन दर्जन से ज्यादा कारतूस बरामद हुए थे।
शहीद डीएसपी हुमायू भट कश्मीर के जिला बड़गाम के त्राल के रहने वाले थे ओपचारिक खानापूरी के बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके परिजनों को सौंप दिया गया बुद्धवार की रात पूरे सम्मान के साथ उसे सुपुर्दे खाक किया गया उपराज्यपाल मनोज सिंहा और डीजीपी जेके दिलबाग सिंह ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। बताया जाता है डीएसपी हुमायू भट की एक साल पहले ही शादी हुई थी वह अपने पीछे पत्नी 2 माह का बेटा और परिजनों को छोड़ गए हैं।
शहादत देने वाले कर्नल मनप्रीत सिंह पंजाब के मोहाली जिले के भजोड़िया गांव के रहने वाले थे इनके पिता स्व लखवीर सिंह भी आर्मी में सैनिक थे कर्नल मनप्रीत शादीशुदा थे इनके दो भाई और एक बहन है जबकि इनकी पत्नी सहित 7 साल का एक बेटा कबीर और ढाई साल की बेटी बानी है। हाल में इन्हे सेना पुरुष्कार से सम्मानित किया गया था।
मेजर आशीष धौचक हरियाणा राज्य के पानीपत के गांव बिझोल के रहने वाले थे जो तीन बहनों के इकलौते भाई थे फिलहाल इनका परिवार किराए के मकान में रह रहा था उसके पास ही इन्होंने अपना नया घर बनाया था यह अक्टूबर में आने वाले थे तभी यह और इनका परिवार नए घर में प्रवेश करने वाला था। इनकी पार्थिव देह कल शुक्रवार को इनके गांव पहुंचेगी।
इन सभी शहीदों के घर और गांवों में मातम पसरा है भारी तादाद में आसपास के ग्रामवासी अन्य लोग और रिश्तेदार घर पहुंचे हुए है परिजनों खासकर इनके यहां की महिलाओं का रो रोकर बुरा हाल है।