भोपाल/ मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक हाथी (मादा) ने सोते समय महावत को सूंड से उठाया और जोर से पटका और घसीटते हुए उसके शरीर को पैर से कुचल दिया जिससे उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई। खबर मिलने पर छोला मंदिर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और उसने महावत के शव को पोस्टमार्टम के लिए मर्चूरी भिजवाया और हाथी को अपनी कस्टडी में ले लिया है।
छोला थाना पुलिस के उप पुलिस निरीक्षक राकेश शुक्ला ने बताया कि सतना जिले के सलैया के मूल निवासी महावत नरेंद्र कापड़िया को उन्हीं के पालतू हाथी ने कुचलकर मार डाला। उनके मुताबिक महावत नरेंद्र कापड़िया अपने 5 साथियों के साथ देश के शहर शहर गांव गांव जाकर हाथी के साथ दान दक्षिणा मांगते थे और उससे अपना खर्चा पानी चलाते थे बुद्धवार की रात वह हाथी के साथ परवलिया होते हुए भोपाल आए थे और गुरुवार सुबह उनका विदिशा जाने का कार्यक्रम था, भोपाल आने के बाद वह सभी रात बिताने के लिए भानपुर पुल के पास मैदान में पहुंचे और हाथी को एक पेड़ से बांध दिया। रात करीब 9 बजे खाना खाने के बाद सभी हाथी के नजदीक ही सो गए थे। घटना के बाद पुलिस सूचना मिलने पर रात को ही मौके पर आ गई थी और शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाकर पुलिस ने हाथी को अपनी कस्टडी में ले लिया हैं और थाने लाकर हाथी को फिलहाल पीछे स्थित पीपल के पेड़ से बांध दिया है। मृतक महावत के एक साथी को अभी हाथी की देखरेख के लिए पुलिस ने रोक लिया है।
मृतक महावत नरेंद्र कापड़िया के एक साथी भूपेंद्र ने घटना के बारे में बताया कि जब हम सभी नींद में थे तभी रात करीब 11.30 बजे अचानक हाथी के जोर से चिंघाड़ने की आवाज से हमारी नींद खुल गई और हमने देखा कि महावत नरेंद्र को हाथी ने सूंड में जकड़ रखा है और उन्हें जोर जोर से जमीन पर पटक रहा है यह देखकर हमने उन्हें बचाने का प्रयास भी किया तब उनकी बाह पकड़ कर हाथी ने उन्हें घसीटा और फिर उनके शरीर को पैर से कुचल दिया। इसके बाद हमने तुरंत पुलिस को इसकी खबर की और पुलिस वहां आ गई। उसने आवश्यक कार्यवाही के बाद शव को मर्चूरी में रखवा दिया।
खबर मिलने पर मृतक महावत नरेंद्र कापड़िया का भांजा दीपक कापड़िया भी भोपाल आ गया है उसके मुताबिक बुधवार गुरूवार की दरमियानी रात 12 बजे मुझे बताया गया कि मामा को हाथी ने पटक दिया है मैं रात को ही गाड़ी से यहां आया तब उनकी मौत की जानकारी मुझे यहां आने पर मिली। दीपक ने बताया कि दो साल पहले भी इस मादा हाथी ने एक युवक की जान ले ली थी और एक साल पहले केले खिलाने के दौरान भोपाल में ही इसने एक युवक पर हमला कर दिया था उसका कहना है अब इस हिंसक हो चुके हाथी को वन विभाग के सुपुर्द कर देना चाहिए।
बताया जाता है वन विभाग ने बाकायदा जानकी नामक इस मादा हाथी की कस्टडी और देखभाल की जिम्मेदारी इसके मालिक को सौंपी थी। प्रिंसीपल चीफ कंजरवेटर ऑफ़ फॉरेस्ट शुभ रंजन सेन के हस्ताक्षर युक्त एक पत्र में कहा गया है कि यह हाथी निजी स्वामित्व का है इसलिए इसकी कस्टडी और देखभाल इसका ओनर ही करेगा।
जबकि पीपुल्स फॉर एनीमल की स्वाती गौरव ने कहा है कि इस मादा हाथी जिसका नाम जानकी है उसे हम पिछले 15 दिन से फॉलो कर रहे थे इसका रिहायशी इलाके में घूमना ठीक नहीं है पिछले दिनों इसे अवधपुरी में भी देखा गया था हमने इसकी शिकायत डीएफओ सहित सभी अधिकारियों से की थी लेकिन उसपर कोई एक्शन नहीं लिया गया यदि समय रहते कार्यवाही हो जाती तो आज यह हादसा टल जाता और यह बड़ी घटना नहीं होती।
पशु विशेषज्ञों के मुताबिक जब भीषण गर्मी पड़ती है और तापमान 45 डिग्री के आस पास हो जाता है तो हाथी गर्मी के कारण बेहद विचलित, चिड़चिड़ा और आक्रामक हो जाता है इसीलिए इन्हें पानी से नहलाया जाता है या पानी भरे तालाब में इन्हें काफी समय तक रखा जाता है जयपुर के हाथी खाना के महावत रशीद खान के अनुसार हाथी को गर्मी के मौसम में कमोवेश तीन बार नहलाने के साथ खास डाइट देना जरूरी है जबकि हाथी के केयर टेकर हिमांशु ने बताया कि इन्हें गर्मी में खरबूज तरबूज केला और उसका पसंदीदा कटहल दिया जाता है जो उसे शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के साथ इसको ठंडक पहुंचाता है। इससे साफ होता है कि भोपाल में हुई घटना में हाथी के भूखा होने के साथ भीषण गर्मी होना खास कारण हो सकता है इसीलिए जो महावत उसकी देखरेख करता था हाथी ने उसे ही मार डाला।