- हिमाचल में 9 नवम्बर को चुनाव,
- 18 दिसम्बर को वोटों की गिनती वीवी पेट का हौगा पहली दफ़ा इस्तेमाल
नई दिल्ली – निर्वाचन आयोग ने आज हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों की तारीख की घोषणा कर दी आयोग के मुताबिक आगामी 9 नवम्बर को मतदान होगा और मतगणना 18 दिसम्बर को होगी, खास बात है हिमाचल प्रदेश के होने वाले इन चुनावो में देश में पहली बार वीवीपेट का उपयोग होगा जिससे मालूम होगा कि मतदाता ने किस प्रत्याशी को अपना वोट दिया है। परन्तु चुनाव आयोग ने गुजरात के चुनावों का ऐलान आज नही किया जबकि उसका कार्यकाल भी जनवरी 2018 में समाप्त हो रहा है।
चुनाव आयोग ने आज हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों का एलान कर दिया हैं, जिसके तहत 16 से 23 अक्टूबर तक राजनीतिक पार्टी के प्रत्याशी अपना नामांकन दाखिल करेंगे और 9 नवम्बर कोनमतदान होगा वही मतों की गिनती का काम 18 दिसम्बर को होगा, और इसके बाद सरकार के गठन की कार्यवाही सम्पन्न होगी इस चुनाव के जरिये देश में पहली बार वीवीपेट सिस्टम उपयोग होगा जिससे मतदाता ने किसे मत दिया है यह सामने आ सकेगा, और रेडम तरीके से चुनी गई सीट पर वीवीपेट पर्ची गिनी जायेंगी इसके लिये एक सीट पर वीवीपेट की सभी पर्चियो की गिनती होगी, चुनाव आयोग ने नामांकन रेली जुलूस की वीडीयोग्राफ़ी कराने के निर्देश भी दिये है, जैसा कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की 68 सीटे है 2012 के चुनाव में कांग्रेस 36 सीटो पर और बीजेपीे 24 सीटो पर विजयी रही थी।
कांग्रेस सरकार के वीरभद्र सिंह यहाँ के मुख्यमंत्री है और फ़िलहाल कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की तरफ़ से उनका ही नाम फ़िर से सीएम के लिये आगे किया है जबकि बीजेपी की तरफ़ से प्रेमकुमार धूमल, लडडा और अनुराग ठाकुर के नाम मुख्यमंत्री के लिये सामने आये है पर सबाल है कि क्या बीजेपी किसी चैहरे को आगे करके यहाँ चुनावी समर में उतरेगी ? परन्तु बीजेपी के हौसले काफ़ी बुलंद है उसे एन्टी कन्वेन्सी फ़ेक्टर और निवर्तमान कांग्रेस मुख्यमंत्री पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप सत्ता पाने में सहायक बन सकते हैं पर धूमल जो पहले यहाँ मुख्यमंत्री रह चुके है उनके साथ अन्य के रिश्ते कैसे है यह भी अहम रोल अदा करेंगा ऐसी सम्भावना भी यहां के राजनीतिक गलियारों में गूंज रही है ।इसलिये बीजेपी को भी सावधानी से आगे बढ़ने की जरूरत है।
खास मसला यह भी है कि चुनाव आयोग ने हिमाचल के साथ गुजरात के चुनावों की तारीख आज क्यों घोषित नही की जबकि जहां हिमाचल प्रदेश की सरकार का कार्यकाल 7 जनवरी को समाप्त हो रहा है तो गुजरात की सरकार का कार्यकाल भी नहीं 22 जनवरी तक का ही हैं। इससे कांग्रेस को चुनाव आयोग और बीजेपी पर सबाल उठाने का मौका जरूर मिल जाता है ।