नई दिल्ली — चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) के इस्तेमाल पर राजनीतिक पार्टियों की ओर से लगातार सवाल उठाए जाने के बाद चुनाव आयोग ने शनिवार को ईवीएम हैकिंग से जुड़ी चुनौती की तारीख का ऐलान कर दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बताया कि राजनीतिक पार्टियां 3 जून से ईवीएम हैकिंग की चुनौती में शामिल हो सकेंगी। जैदी ने बताया कि हर पार्टी को हैकिंग या ईवीएम टैंपरिंग साबित करने के लिए चार घंटे का वक्त मिलेगा, कोई भी पार्टी अपने तीन प्रतिनिधि को इस चैलेंज में शामिल होने के लिए भेज सकती है। इस चैलेंज में कोई भी राजनीतिक पार्टी शामिल हो सकती है, पार्टियों को इस बात की आजादी होगी कि वह हाल ही में हुए पांच राज्यों में चुनावों के किसी भी चार पोलिंग स्टेशनों से ईवीएम मशीन मंगवा सकती हैं।पार्टियों के पास मौका होगा कि वह साबित करें कि चुनावी नतीजों को किसी खास प्रतिनिधि या पार्टी के पक्ष में मोड़ा जा सकता है, इसके अलावा, पार्टियों को यह भी चुनौती दी गई है कि वे साबित करें कि चुनाव आयोग की सुरक्षा में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ करना मुमकिन है।
जैदी ने बताया कि राजनीतिक पार्टियां 26 जून तक ईमेल या ऑनलाइन ऐप्लिकेशन के जरिए इस चैलेंज में अपनी भागेदारी सुनिश्चित कर सकतीं हैं , सभी पार्टियों को निश्चित तारीख और समय अलॉट किया जाएगा, पार्टियां जिस ईवीएम की मांग करेंगी, उसे पोलिंग स्टेशन से लाते वक्त साथ सफर करने की भी मंजूरी होगी। इसके अलावा, चैलेंज से पहले मशीनों को खोलकर देखने भी दिया जाएगा हालांकि, चैलेंज के बाद ऐसा करने की मनाही होगी, ईवीएम में छेड़छाड़ करने के लिए राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि ईवीएम पर लगे कई बटनों को एक साथ दबाकर, किसी वायरलेस या ब्लूटूथ डिवाइस या एक्सटर्नल डिवाइस का इस्तेमाल कर सकते हैं। चुनाव आयुक्त ने ईवीएम से जुड़ी विभिन्न अटकलों पर भी सफाई देने की कोशिश की, उन्होंने ईवीएम मशीनों की सुरक्षा के लिए किए जाने वाले इंतजामों के बारे में भी विस्तार से बताया।
चुनाव आयुक्त ने ईवीएम से जुड़े उन सिक्यॉरिटी फीचर्स के बारे में विस्तार से बताया, जिनकी वजह से इसे हैक करना मुमकिन नहीं है जैदी ने बताया कि ईवीएम में वन टाइम प्रोग्रामबल चिप लगाई गई है, जिसमें सिर्फ एक बार प्रोग्राम लिखा जा सकता है, उसे बदला नहीं जा सकता, इसके अलावा, हर मशीन की चिप पर डिजिटल सिग्नेचर होता है, जिसे बदलने की कोशिश तुरंत पकड़ी जा सकती है। इसके बावजूद भी अगर इस चिप को बदला गया तो मशीन काम करना बंद कर देगी, जैदी के मुताबिक, इन मशीनों की चिप में डेट एंड टाइम की स्टैंपिंग है इसके अलावा, डेटा इन्क्रिप्शन फीचर्स भी हैं, जिसकी वजह से इनमें किसी तरह का टैंपरिंग कर पाना नामुमकिन है।
जैदी ने उन खबरों का भी खंडन किया, जिनमें कहा गया था कि ईवीएम मशीन विदेश से मंगवाई जा रहीं हैं उन्होंने बताया कि इन मशीनों को दो भारतीय कंपनियां बना रही हैं। इसके अलावा, इनके सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को भी भारतीय कंपनियां ही तैयार करती हैं, जिसे आयोग की टेक्निकल अप्रूवल कमेटी पास करती है। आयुक्त ने यह भी दावा किया कि ट्रांसपोर्ट या स्टोरेज के वक्त भी ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती इन्हें न केवल बेहद कड़े सुरक्षा इंतजाम में रखा जाता है, बल्कि इन्हें राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के सामने ही निकाला जाता है।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि ईवीएम पर कई बटन एक निश्चित क्रम में दबाकर नतीजों में फेरबदल किया जा सकता है। चुनाव आयुक्त ने बिना किसी पार्टी का जिक्र किए इस आरोप का भी जवाब दिया , आयुक्त ने कहा कि चिप सिर्फ एक बार प्रोग्रामबल है इसके अलावा, इसमें कोई वायरलेस रिसीवर मौजूद नहीं है। विदेशों में ईवीएम व्यवस्था खत्म किए जाने पर सफाई देते हुए जैदी ने कहा कि जिन देशों में ऐसा हुआ, वहां और भारत की मशीनों में काफी अंतर है। अब देखना ये होगा कि दिल्ली विधानसभा में EVM हैक कर दिखने वाली आम आदमी पार्टी चुनाव आयोग की चुनौती पर कितनी खरी उतरती है और कितनी विपक्षी पार्टियां चुनाव आयोग की इस चुनौती में हिस्सा लेती हैं।