- आप के 20 विधायकों पर लटकी तलवार,
- चुनाव आयोग ने लाभ के पद मामले में अयोग्य माना राष्ट्रपति से सदस्यता रद्द करने की सिफ़ारिश
नई दिल्ली – चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका दिया हैं आयोग ने लाभ के पद को लेकर पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य माना है और उनकी सदस्यता रद्द करने की सिफ़ारिश करते हुए इन विधायको की सूची राष्ट्रपति को मंजूरी के लिये भेजी हैं।जबकि बीजेपी और कांग्रेस ने इसे बड़ा भृष्टाचार बताते हुएं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस्तीफा देने की मांग की है।
दिल्ली में सत्तारूढ़ आप ने अपनी पार्टी के 20 विधायकों को 2015 में संसदीय सचिव पद से नवाजा था लेकिन इससे पहले इन संवेधानिक पदों की अनुमति नही ली थी,इस मामले में प्रशांत पटेल ने चुनाव आयोग में याचिका के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई थी। उसी पर आज चुनाव आयोग का फ़ैसला आया हैं। चुनाव आयोग ने संसदीय सचिव के लाभ के पद को बेस माना हैं और उसके आधार पर इन 20 विधायकों को अयोग्य करार देते हुएं राष्ट्रपति से इन्हें निलंबित करने की अनुशंशा की हैं।
इस मामले में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही आप के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है बीजेपी के प्रवक्ता संविद पात्रा ने कहा हैं कि आप की सच्चाई सामने आ गई है भृष्टाचार के खिलाफ़ आंदोलन करने वाली पार्टी आज खुद भृष्ट हो गई हैं बीजेपी के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संविधान को ताक पर रख दिया हैं। जबकि कांग्रेस ने नैतिकता का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल से इस्तीफा देने की मांग की है साथ ही सचिवालय पर विरोध मार्च निकालने का ऐलान भी किया हैं।
इधर आम आदमी पार्टी ने इसे चुनाव आयोग और बीजेपी की साजिश बताया हैं। वही इसके खिलाफ़ दिल्ली हाईकोर्ट में आप की अर्जी पर हाईकोर्ट ने कोई अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया हैं। खास बात है फ़िलहाल आप की दिल्ली की सत्ता पर कोई संकट नजर नही आता उसके 20 विधायक कम भी कर दिये जाये फ़िर भी उसके पास 46 विधायक बचते है जबकि 71 सदस्यों वाली दिल्ली की विधानसभा में सत्तारूढ़ होने के लिये 36 विधायको की जरूरत हैं।