ग्वालियर- राज्य शासन की मंशा अनुसार ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान शासकीय विद्यालयों में बच्चों को मध्यान्ह भोजन का वितरण कराया जायेगा। इस व्यवस्था में लापरवाही करने वालों के विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी। यह निर्देश कलेक्टर डॉ. संजय गोयल ने संबंधित अधिकारियों को दिए हैं।
डॉ. गोयल ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सूखा प्रभावित जिलों के स्कूलों में ग्रीष्म अवकाश के दौरान मध्यान्ह भोजन वितरण कराए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत प्रत्येक शासकीय विद्यालय में प्रातरू 8 से 10.30 बजे के मध्य बच्चों को मध्यान्ह भोजन उपलब्ध कराया जाना है। भोजन की गुणवत्ता और नियमितता बनाए रखने के लिये शाला के कम से कम एक शिक्षक की ड्यूटी प्रतिदिन मध्यान्ह भोजन व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिये लगाई गई है। बच्चों को भोजन वितरित कराए जाने से पूर्व उसकी गुणवत्ता की जाँच ड्यूटी पर तैनात शिक्षक या स्कूली बच्चों की माता कर सकती हैं। इसके साथ ही प्रतिदिन दिए जाने वाले भोजन का सेम्पल सील बंद डिब्बे में 24 घंटे तक रखा जायेगा। जिससे किसी भी प्रकार की शिकायत या दुर्घटना की स्थिति में उस सेम्पल की जाँच की जा सकेगी।
डॉ. गोयल ने कहा कि मध्यान्ह भोजन वितरण व्यवस्था की मॉनीटरिंग का कार्य जिला पंचायत कार्यालय द्वारा किया जाता है। इस काम के लिये नियुक्त टास्क मैनेजर और उनकी टीम का यह दायित्व होगा कि वह प्रतिदिन कम से कम पाँच स्कूलों का भ्रमण करें और अपना प्रतिवेदन सीईओ जिला पंचायत के माध्यम से कलेक्टर को प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस व्यवस्था में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।