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गहलोत पायलट के बीच कलह, छत्तीसगढ़ के बाद क्या कांग्रेस राजस्थान में डेमेज कंट्रोल कर सकेगी ?

Pilot and Gehlot
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नई दिल्ली,जयपुर/ कांग्रेस लगता है समय की नजाकत को समझ चुकी है और वह फूंक फूंक कर अपने कदम बड़ा रही हैं चूंकि विधानसभा चुनाव भी नजदीक आ गए है इसलिए उसके लिए छत्तीसगढ़ के बाद राजस्थान में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच कलह को खत्म करने की चुनौती हैं बताया जाता है उसके लिए कांग्रेस हाईकमान ने एक प्लान भी बना लिया हैं जिसपर वह जल्द पहल कर सकता है।

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के बीच सत्ता मिलने के ढाई साल बीतने के बाद खटास आ गई थी कारण था ढाई ढाई साल सीएम बनाने का फार्मूला, लेकिन कांग्रेस हाई कमान इस भरोसे को अमली जामा नही पहना सका और दोनों के बीच दूरियां बड़ने की खबर आती गई जिससे कांग्रेस नेतृत्व की परेशानी और चिंता दोनों बड़ती गई लेकिन आखिर उसने इसका हल निकाल लिया और वह था नाराज टीएस सिंहदेव को छत्तीसगढ़ का उपमुख्यमंत्री बनाकर दोनों के बीच मनमुटाव को खत्म कर आपस में सुलह करा दी और अब आगामी चुनाव में यह जय और वीरू की जोड़ी एकजुट होकर छत्तीसगढ़ फतह करने के लिए तैयार है।

लेकिन कांग्रेस नेतृत्व के सामने अभी राजस्थान का संकट बरकरार है जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तलवारें खिची हुई है दोनों एक दूसरे के खिलाफ काफी बयानबाजी भी कर चुके है और पायलट कई बार अपनी ही कांग्रेस सरकार की मुखालफत कर उसे कटघरे में खड़ा कर चुके है यहां भी पायलट को मुख्यमंत्री नही बनाना इस अंतरकलह का प्रमुख कारण है चूंकि राजस्थान में भी छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश और तेलंगाना के साथ नवंबर में चुनाव होंना तय है। इसलिए उससे पहले इन दोनों नेताओं के बीच सुलह और दूरी को कम किए बिना कांग्रेस की नैया पार नहीं हो सकती यह सही बात हैं।

जानकारी मिली है कि राजस्थान के संकट को समाप्त करने के लिए कांग्रेस ने एक फार्मूला ईजाद किया है जिसमें उसने तीन संभावनाएं रखी है जिसमें से एक को आधार बनाकर वह सचिन पायलट को राजी करने की कोशिश करेगी। इसमें पहला फार्मूला है सचिन पायलट को राष्ट्रीय महासचिव का पद देकर संतुष्ट करना, दूसरा है राजस्थान का प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष या डिप्टी सीएम का पद देना तीसरा फार्मूला है उनके चेहरे पर राजस्थान में अगला विधानसभा चुनाव लडना यह तीन में से एक फार्मूले पर कांग्रेस सचिन पायलट को साधने की कोशिश कर सकती है लेकिन सबाल यह भी है की तीसरे फार्मूले यानि सचिन पायलट को आगे रखकर अगला चुनाव लड़ने पर क्या अशोक गहलोत राजी होंगे।

Tags : CongressPolitics
Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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