उज्जैन/ उज्जैन महाकाल मंदिर के गर्भगृह में होली की धुलेड़ी के दिन गुलाल उड़ाने के दौरान लगी आग में झुलसे 80 वर्षीय सेवक सत्यनारायण सोनी की इलाज के दौरान मौत हो गई। गंभीर हालत होने से उन्हें इंदौर से मुंबई रेफर किया गया था। इस हादसे में 14 लोग घुलसने से घायल हुए थे फिलहाल 3 अन्य सेवकों का इलाज इंदौर में जारी है।
उज्जैन के महाकाल मंदिर के गर्भगृह में 25 मार्च को यह हादसा हुआ था सुबह 5.49 बजे गर्भगृह में भस्म आरती का धार्मिक आयोजन संपन्न हो रहा था इस दौरान मंदिर और गर्भ गृह श्रद्धालुओ से खचाखच भरा था और भक्तजन भगवान महाकाल से होली खेलने इकट्ठा हुए थे जब पुजारी संजीव हाथ में आरती का पात्र लेकर महाकाल की आरती कर रहे थे इसी दौरान उनके पीछे से गुलाल उड़ाया गया जो आरती की लो पर गिरा फैका गया गुलाल केमिकल युक्त होने से एकाएक आग भड़क गई इस आग में पुजारी सहित अन्य सेवक घिर गए और इस हादसे में 14 लोग झुलस गए थे सभी को पहले उज्जैन जिला अस्पताल भेजा गया उनमें से ज्यादा घायल 13 लोगो को इंदौर के अरविंदो अस्पताल रेफर किया गया था। जिसमें से 8 लोगों को इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया था।
लेकिन 40 फीसदी झुलसे 80 साल के सेवक सत्यनारायण सोनी की गंभीर स्थिति के कारण 8 अप्रेल को उन्हें इदौर से मुंबई की नेशनल बर्न यूनिट में रेफर किया गया जहां हादसे के 16 दिन बाद बुद्धवार को उनकी मौत हो गई जबकि अभी भी 3 घायल अरविंदो अस्पताल में भर्ती है जिसमें से 2 सेवक मनोज शर्मा (43 साल) और संजय शर्मा (50 साल) बर्न यूनिट में और एक सेवक चिंतामणि (65 साल) अस्पताल के वार्ड में भर्ती है।
बताया जाता है 6 साल पहले भी होली के त्योहार पर महाकाल मंदिर में आग लग गई थी जिसने एक पुजारी झुलसकर घायल हो गए थे। लेकिन इस बार बड़ा हादसा हुआ है जिसमें एक सेवक की मौत हो गई।