रायसेन / मध्यप्रदेश के रायसेन शहर के आसपास के जंगल में तीन महिने से डेरा डालने वाला आदमखोर बाघ आखिर बन विभाग ने पकड़ लिया है इस बाघ ने कई पालतू पशुओं के अलावा एक इंसान का भी शिकार कर लिया था जिससे रायसेन के शहरी और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों में काफी दहशत व्याप्त हो गई थी विशेषकर रात के वक्त लोग कही आने जाने से घबराने लगे थे।
रायसेन शहर के आसपास का इलाका पिछले तीन महिने से काफी खोफजदा था कारण था एक बाघ पिछले 3 माह से यहां आसपास के जंगल में डेरा डाले था जो रात के वक्त शहर के आसपास और ग्रामीण क्षेत्रो में विचरण कर रहा था,इस बीच वह कई पालतू पशुओं का शिकार कर उनको अपना ग्रास भी बना चुका था लेकिन करीब एक महिने पहले इस बाघ ने नीमखेड़ा गांव में रहने वाले मनीराम जाटव का शिकार कर लिया था और उसे मारकर खा गया। जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत व्याप्त हो गई थी लोग रात क्या दिन में भी पूरी सावधानी बरतने लगे थे। इस घटना के बाद शासन और प्रशासन में हड़कंप मच गया और वन विभाग भी सक्रिय हुआ और उसने स्थानीय स्तर पर प्रयास भी शुरू किए लेकिन बाघ पकड़ा नही जा सका।
जब काफ़ी दबाव पड़ा तो 10 दिन पहले पन्ना टाईगर रिजर्व और कान्हा नेशनल पार्क की एक सयुक्त टीम की ड्यूटी इस बाघ को पकड़ने के लिए लगाई गई, जिसमें 5 हाथियों का एक दल सहित 100 वन कर्मी शामिल थे जिनका नेतृत्व नेशनल पार्क के डीएफओ और रेंजर कर रहे थे यह टीम संभावित इलाकों और वन क्षेत्र में बाघ की खोजबीन के लिए लगातार सर्चिंग कर रही थी लेकिन बाघ नही मिल रहा था। गुरुवार को मालूम हुआ कि इस आदमखोर बाघ का मूवमेंट रायसेन शहर से लगे सुरई के जंगल में है तुरंत पूरी टीम सक्रिय हुई और उन्होंने हाथियों की मदद से इस बाघ की घेराबंदी की और उसे ट्रेंक्यूलाइज कर बेहोश कर दिया और इस आदमखोर हो चुके बाघ को अपनी गिरफ्त में लेकर पिंजरे में कैद कर लिया।
इस आदमखोर बाघ के पकड़े जाने से सीहोर और उसके आसपास के खासकर ग्रामीण इलाके में रहने वाले लोगों की अब जाकर सांस में सांस आई है।