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मध्यप्रदेश में रेत माफिया के हौसले बुलंद, पटवारी की हत्या के बाद डिप्टी रेंजर को लाठी डंडों से बुरी तरह पीटा, मरणासन्न छोड़ भागे

Sand in Chambal
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दतिया/ मध्यप्रदेश में खनन माफियाओं के हौसले बुलंद है हाल में शहडोल में पटवारी की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या की वारदात को ज्यादा समय नहीं हुआ अब रेत माफियाओं ने दतिया में फॉरेस्ट के डिप्टी रेंजर की बुरी तरह से मारपीट कर उसका सिर फाड़ दिया और उसे मरणासन्न छोड़कर भाग गए। उनकी हिम्मत देखिए पकड़े गए अवैध रेता से भरे ट्रैक्टर भी वह अपनी दबंगी दिखाते हुए छुड़ा कर ले गए। लगता है राजनेतिक संरक्षण और रेत माफियाओं के आगे मध्यप्रदेश की सरकार बोनी साबित हो रही है। पुलिस ने शासकीय कार्य में बांधा बलबा सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है लेकिन हत्या की कोशिश का मामला दर्ज नहीं किया जिससे पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध लगती है।

दतिया जिले के गोराघाट रैंज के डिप्टी रैंजर प्रवंक प्रताप सिंह को सोमवार की रात फॉरेस्ट वीट हिनौतिया में अवैध रेत उत्खनन की सूचना मिली थी वे रात 11 बजे गार्ड पवन कुमार और प्राइवेट वाहन से चालक अर्जुन के साथ ग्राम हिनौतिया में माता मंदिर के पास तेजी घाट के रास्ते पहुंचे। यहां हिनोतिया घाट पर तीन ट्रैक्टर अवेध रूप से रेत भरते हुए मिले। वन विभाग के अधिकारियों को देखकर ट्रैक्टर ड्राइवर और उनके साथी भाग निकले। मौके पर पहुंचकर डिप्टी रैंजर व स्टाफ ने ट्रैक्टर ट्रॉली के पहियों की हवा निकाल दी और चिरौली घाट चेक करने चले गए।

लेकिन जब डिप्टी रैंजर प्रवंक प्रताप सिंह और वीट गार्ड व ड्राइवर के साथ वापस ट्रेक्टरो की जब्ती कार्यवाही के लिए हिनौतिया लौट रहे थे तभी माता मंदिर तेजी घाट के रास्ते में बोलेरो वाहन से माफिया और उसके गुर्गों ने डिप्टी रैंजर के वाहन में टक्कर मार दी, और बोलेरो में सवार जितेंद्र यादव और पांच-छह बदमाश उतरे और गाली गलौज करते हुए कहा-हमारे ट्रैक्टरों की हवा क्यों निकाल दी। डिप्टी रैंजर ने गाली देने से मना किया तो जितेंद्र यादव, निवासी गोंदन ने डिप्टी रैंजर का गिलेवान पकड़कर लाठी डंडों के साथ लात घूसों से उनकी मारपीट शुरु कर दी। जिससे डिप्टी रैंजर के होंठ और सिर फट गया उन्हें गंभीर चोटे आई। इसके बाद आरोपी जितेंद्र यादव और उसके साथियों ने प्राइवेट गाड़ी जिसमें डिप्टी रेंजर आए थे उसमें भी तोड़फोड़ कर दी। उसके बाद रेत माफिया जितेंद्र यादव और उसके गुंडे डिप्टी रेंजर को मरनासन्न अवस्था में छोड़कर अपने वाहन से भाग गए।

पुलिस को सूचना देने पर कुछ देर में सोनागिर थाना प्रभारी अर्चना पाल डायल-100 से मौके पर पहुंची और घायल डिप्टी रैंजर प्रवंक प्रताप सिंह को थाने लाकर एफआईआर दर्ज की। गंभीर रूप से घायल डिप्टी रेंजर को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने डिप्टी रैंजर की रिपोर्ट पर आरोपी जितेंद्र यादव और उसके पांच अज्ञात साथियों पर शासकीय कार्य में बाधा, मारपीट, बलवा आदि धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया। लेकिन क्या कारण है पुलिस ने धारा 307 के तहत हत्या की कोशिश का मामला आरोपियों पर दर्ज क्यों नहीं किया। क्या वह हत्या होने पर ही मामला दर्ज करती जिससे सवाल उठता है कि वह खनन माफियाओं का कही बचाव तो नही कर रही ?

दतिया की हिनौतिया क्षेत्र वन क्षेत्र में आता है और यहां रेत उत्खनन सबसे ज्यादा होता है। अवैध रेत उत्खनन को लेकर सोनागिर पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। प्रभारी एसपी सुनील कुमार शिवहरे ने बताया कि वे मामले की जांच करा रहे हैं। जांच के बाद कड़ी कार्रवाई होगी।

यह पहली घटना नहीं है कुछ खास मामलों पर नजर डालते हैं…

1. मुरैना 2012 .. मुरैना जिले के बानमोर में 2012 में खनन माफिया की शह पर चालक ने आईपीएस अफसर नरेंद्र कुमार पर अवैध रेत से भरा ट्रेक्टर चढ़ाकर उनकी हत्या कर दी थी। यह हाई प्रोफाइल मामला था लेकिन आज भी वही हो रहा है।

2. मुरैना 2015 .. पुलिस कांस्टेबल धर्मेन्द्र चौहान ने मुरैना में अवेध उत्खनन में लगा डंफर पकड़ा था लेकिन एकाएक डंफर लेकर ड्राइवर भागा पुलिस कर्मी इसके पीछे भागा लेकिन एकाएक डंफर पलट गया और उसे नीचे दबकर पुलिस कर्मी धर्मेंद्र चौहान की मौत हो गई।

3. ग्वालियर 2016 .. वन कर्मियों ने फॉरेस्ट एरिया से अवेध रूप से पत्थर खनन करने वालों का पीछा किया और मुरैना जिले के बानमोर में वन कर्मियों पर उन्होंने ट्रेक्टर चढ़ा दिया जिसमें फारेस्ट गार्ड नरेंद्र शर्मा ट्रेक्टर की चपेट में आ गया और उसकी दर्दनाक मौत हो गई।

4. छतरपुर 2018 ..छतरपुर जिले के बिजावर में अवेध उत्खनन रोकने पर कार्यवाही के दौरान आईएफएस अफसर अभिषेक सिंह तोमर को अवेध खनन में लगे ट्रेक्टर से कुचलकर मारने की कोशिश की गई थी लेकिन वह बाल बाल बच गए थे।

5 . शहडोल 2023 .. शहडोल की 25 एवं 26 नवंबर की दरमियानी रात ब्योहारी के खड्डा में पदस्थ पटवारी प्रश्न सिंह अपने अधिकारी तहसीलदार के आदेश के पालनार्थ अपने अन्य पटवारी और कर्मचारियों के साथ ब्योहारी के नदी के गोपालपुर घाट पर अवेध उत्खनन रोकने गए थे जब वह घाट के समीप पहुंचे तो प्रसन्न सिंह ने गाड़ी से उतरकर रेत से भरा ट्रेक्टर रोकने का हाथ से इशारा किया लेकिन रोकने की बजाय ट्रेक्टर चालक ने उनपर ट्रेक्टर ही चढ़ा दिया जिससे घटना स्थल पर ही उनकी मौत हो गई।

इत्तफाक देखिए वहीं काली तारीख और समय 25 एवं 26 की दरमियानी रात दतिया में डिप्टी रेंजर को रेत माफिया और उसके गुर्गों ने बुरी तरह से मारा और मरणासन्न छोड़ गए सिर्फ महीना बदला नवंबर की बजाय दिसंबर हो गया।

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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