कानपुर / प्रयागराज से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस जब बिराजपुर से आगे गुजर रही थी तो रेल्वे ट्रेक पर एक एलपीजी सिलेंडर रखा था जिससे ट्रेन सीधी टकरा गई ड्राइवर की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया संदेह है कि इस घटना को अंजाम देने के पीछे विस्फोट की साजिश थी क्योंकि घटनास्थल से कई ऐसी संदिग्ध चीजे मिली है। एटीएस और फोरेंसिक टीम मामले की जांच कर रही है। जानकारी सामने आई है इस मामले में पुलिस ने कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में भी लिया है।
पुलिस और रेल्वे प्रशासन के मुताबिक 8 सितंबर को रात 8.30 बजे कालिंदी एक्सप्रेस अनवरगंज -कासगंज रेल्वे लाइन पर थी जब वह बिराजपुर और बिल्हौर के बीच से गुजर रही थी तो वह रेल पटरी पर रखे एलपीजी सिलेंडर से टकरा गई, लोको पायलट ने बताया उसने दूर से देखने पर ट्रैक पर कुछ चीज रखे होने का आभास हुआ चुकि ट्रेन लगभग 100 की स्पीड पर थी जिसके बाद उसने ब्रेक मारा, लेकिन जब धीमी गति होती वह चीज ट्रेन के इंजन से टकरा गई जिससे काफी तेज आवाज हुईं, आगे ड्राइवर ने रेलगाड़ी को रोक दिया और रेल्वे के वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी।
इस घटना के बाद अनवर गंज के रेल अधीक्षक आरपीएफ और रेल्वे अधिकारी मौके पर पहुंच गए,पुलिस ने जब घटना स्थल की जांच पड़ताल की तो झाड़ियों के बीच उसे एक गैस सिलेंडर साथ ही पेट्रोल से भरी बोतल माचिस सहित एक थैला मिला साथ ही बारूद जैसा एक पदार्थ भी पुलिस मिला है मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए पुलिस और आतंकवादी निरोधक दस्ता (ATS ) फोरेंसिक टीम सहित अन्य एजेंसियों ने और अधिक गहराई से घटना स्थल की जांच की और सभी सबूत जुटाए। साथ ही फोरेंसिक टीम ने संदिग्ध वस्तुओं को जांच पड़ताल के लिए भेज दिया है।
एडीशनल कमिश्नर हरीश चंद्र ने बताया कि मामला काफी गंभीर है और एटीएस सहित हमारी एजेंसियों घटना स्थल से जो चीजें और साक्ष्य इकट्ठा किए है वह किसी साजिश को इंगित करते है फिलहाल सभी बिंदुओं पर जांच होगी और हमारी फोरेंसिक टीम भी डिटेल में समीक्षा कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस ने 4 से 5 संदिग्ध लोगों को हिरासत में भी लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है।
यूपी में यह पहली घटना नहीं है हाल में 16 – 17 अगस्त की रात ढाई बजे कानपुर – झांसी रूट पर 19168 साबरमती एक्सप्रेस की 22 बोगियां इंजन सहित पटरी से उतर गए थे, यह ट्रेन वाराणसी से अहमदाबाद जा रही थी। रेलगड़ी के ड्राईवर के मुताबिक यह हादसा ट्रैक पर रखे बोल्डर के टकराने से हुआ, जैसे ही बोल्डर (बड़ा पत्थर) ट्रैन के इंजन से टकराया वैसे ही तीन ट्रेन का कैटल गार्ड बुरी तरह से मुड़ गया। बताया जाता है इस घटना की जांच यूपी पुलिस कर रही है साथ ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस घटना की जांच की जिम्मेदारी अब यूपी पुलिस के साथ आईबी को भी सौपी हैं।