नई दिल्ली, भोपाल / मध्यप्रदेश में प्रत्याशी चयन को लेकर साढ़े चार घंटे तक हुई कांग्रेस स्क्रीनिग कमेटी की बैठक में नामों को लेकर फिलहाल अंतिम मुहर नहीं लगी है आज फिर से यह बैठक होगी।कांग्रेस प्रत्याशी चयन में लगता है फूंक फूंक कर कदम उठा रही है बीजेपी ने जहां 39 प्रत्याशी घोषित कर दिए वहीं कांग्रेस जो लगता था बीजेपी से पहले प्रत्याशी घोषित कर देगी वह अभी तक अंतिम फैसला नहीं ले सकी हैं।
दिल्ली में कांग्रेस ऑफिस में मंगलवार को हुई मीटिंग में स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष भंवर जितेंद्र सिंह के साथ महासचिव केस वेणुगोपाल प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह बैठक में शामिल हुए और शाम 6 बजे शुरू हुई यह बैठक रात साढ़े दस बजे तक चली।
इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने 150 सीटों पर नाम तय करने को लेकर गहन माथापच्ची की लेकिन अभी उन्हें अंतिम रूप नही दिया जा सका है। बताया जाता है कांग्रेस दो अहम बिंदुओं पर विचार विमर्श कर रही है वह पहले उन 66 सीटों पर फोकस कर रही है जो वह लंबे समय से हार रही है दूसरा कांग्रेस पहले उन सीटों पर उम्मीदवार घोषित करना चाहती है जहां उसके अभी सिटिंग एमएलए है कांग्रेस के सर्वे में उनके खिलाफ एंटी इंकमनेंसी भी नही मिली हो,यदि वर्तमान स्थिति पर नजर डाली जाएं तो कांग्रेस के कुल 96 विधायकों में से 35 विधायक ऐसे है जिनके पार्टी टिकट काट सकती है इस तरह कांग्रेस बचे हुए 61 एमएलए के टिकट फायनल कर सकती है।
इस मामले में प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि कांग्रेस जल्द बेहतरीन से बेहतरीन प्रत्याशी घोषित करेगी जो जीत के साथ कांग्रेस की विचाराधारा को आगे बड़ाने के साथ सबसे अधिक जनमत रखता हो जो प्रदेश के आदिवासी दलित पिछड़े और गरीब युवा और महिलाओं की आवाज जाति से ऊपर उठकर बुलंदी से उठा सकता हो। उन्होंने कहा कांग्रेस में प्रजातंत्र है और पार्टी अपने मापदंडों के मुताबिक फायनल निर्णय करेगी। सुरजेवाला ने बताया इससे पहले पार्टी 5 दिन तक मंथन कर चुकी है जिसमे ब्लॉक जिला अध्यक्षों अग्रिम संगठनों और पार्टी कार्यकर्ताओं से चर्चा हुई जिन्होंने टिकट के लिए आवेदन किया है उन्हें थोड़ी तखलीफ तो जरूर होगी क्योंकि टिकट मांगने वालों की संख्या ज्यादा है। लेकिन यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है उन्होंने कहा इससे यह जाहिर होता है कि 18 साल तक जनता को लूटने वाले शिवराज सिंह का समय अब खत्म हो गया उन्होंने पिछले 25 दिन में तीन हजार और अभी तक एक लाख घोषणाएं की उन्हें सुबह की घोषणा शाम को याद नही रहती भूल जाते है हार देखकर अब उन्होंने लफ्फाजेबाजी और महंगे इस्तहार का सहारा ले लिया है इस तरह एक तरफ 18 साल से लूटने वाले है तो दूसरी तरफ वादे के पक्के कमलनाथ है और जनता कांग्रेस के पक्ष में फैसला करने को आतुर दिखाई दे रही है।