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कांग्रेस नेता पवन खेड़ा हवाई अड्डे से गिरफ्तार, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अंतरिम जमानत, पीएम को अपशब्द कहने का मामला

Pawan Kheda
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नई दिल्ली/ कांग्रेस नेता एवं प्रवक्ता पवन खेड़ा को आज असम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया वे दिल्ली एयरपोर्ट पर विमान से रायपुर कांग्रेस के अधिवेशन में शामिल होने जा रहे थे। उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस नेता हवाई अड्डे पर धरने पर बैठ गए और नारेबाजी कर प्रदर्शन करने लगे, बाद में उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अंतरिम जमानत दे दी गई है और निचली अदालत में सुनवाई और मंगलवार तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा टाईगर जिंदा है, सुप्रीम कोर्ट जिंदा है।

कांग्रेस नेता रायपुर में कांग्रेस के 75 वे अधिवेशन में शामिल होने दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे थे जब पवन खेड़ा अन्य नेताओं के साथ इंडिगो की फ्लाइट में सीट पर बैठ गए तभी असम पुलिस के अधिकारी उनके पास पहुंचे और उनके बेग की जो वह लाए ही नहीं थे उसकी जांच को कहने लगे बाद में पुलिस के कहने पर पवन खेड़ा जब नीचे उतर आए तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाने की बात कही इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने इसका भारी प्रतिरोध किया और विमान तल पर ही धरना प्रदर्शन करने लगे।
इस दौरान मोजूद कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा उन्होंने असम पुलिस से प्रोटेक्शन वारंट या गिरफ्तारी का ऑर्डर दिखाने को कहा तो पुलिस ने कहा कि ऊपर से मुख्यमंत्री का ऑर्डर है सुरजेवाला ने कहा क्या सीएम हेमंतो विश्वकर्मा भगवान है जिनके मौखिक आदेश पर यह गिरफ्तारी हुई उन्होंने आरोप लगाया यह गिरफ्तारी गैर कानूनी है। जबकि कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा जब बीजेपी नेता और प्रधानमंत्री अनर्गल और विवादित बयान देते है तो उनपर कोई कार्यवाही नही होती हैं। जबकि अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा मोदी सरकार ने लोकतंत्र को हिटलरशाही में तब्दील कर दिया है।जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने सवाल उठाते हुए कहा यदि आज शंकर और आरके लक्ष्मण कार्टून बनाते तो क्या होता उन्हें तो जेल में ठूंस दिया जाता।

20 फरवरी को हिंडन बर्ग रिपोर्ट मामले में दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पवन खेड़ा ने कहा था कि यदि पीएम अटल बिहारी वाजपेई जेपीसी बना सहते है तो नरेंद्र गोतमदास मोदी को क्या समस्या है। पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा उन्हे कंफ्यूजन हो गया था। इस विवादित बयान के बाद उत्तर प्रदेश के बनारस लखनऊ सहित असम के दीमाहसाओ जिले के हाफलोंगे में पवन खेड़ा के खिलाफ अलग अलग तीन एफआईआर दर्ज हुई थी इन रिपोर्ट में धारा 153 A (1),धारा 152 A,धारा 120 B, धारा 501 A , धारा 500 धारा 504 और धारा 505 (1) के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। इसके बाद तुरत फुरत असम पुलिस की टीम दिल्ली पहुंच गई और उसने उन्हे गिरफ्तार कर लिया।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के वकील अभिषेक मनु संघवी ने पवन खेड़ा की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी के माध्यम से सीजेआई डीवाय चंद्रचूड़ से उसे तुरंत सुनवाई का आग्रह किया, उसपर श्री चंद्रचूड़ की तीन जजों की बैंच ने सुनवाई करते हुए पवन खेड़ा को अंतरिम जमानत देने के निर्देश देने के साथ चेतावनी देते हुए उन्हें इस तरह के बयान नही देने को भी कहा। एससी ने मंगलवार तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने के आदेश के साथ उन्हे निचली अदालत से नियमित जमानत लेने का आदेश भी दिया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सभी तीनों एफआईआर की सुनवाई एक जगह करने का आदेश भी दिया है जो एक बड़ी राहत कही जा सकती है।

मामले की अगली सुनवाई की तारीख 17 फरवरी नियत की गई हैं।बहस के दौरान सिंघवी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने जानबूझकर ऐसी टिप्पडी नहीं की लेकिन उनसे गलती तो हुई है और इसके लिए पवन खेड़ा बिना शर्त माफी मांगने को तैयार है जबकि विपक्षी वकील ऐश्वर्या भाटी ने विरोध करते हुए कहा कि यह सिलिप ऑफ टंग का मामला या गलती में दिया बयान नहीं है बल्कि जानबूझकर प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पड़ी की गई है जो उनके हाव भाव से स्पष्ट होता है साफ है उससे एक चुने हुए पीएम के खिलाफ उनकी नफरत दिखती है।

जबकि असम पुलिस ने दिल्ली के द्वारिका कोर्ट पहुंचकर पवन खेड़ा के खिलाफ ट्रांजिट रिमांड देने के लिए अपनी अर्जी दाखिल की लेकिन कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बहाल रखते हुए पवन खेड़ा को अंतरिम जमानत दे दी।अब दिल्ली की अदालत में इस मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को होंगी।

Tags : CongressSupreme Court

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